ICC Champions Trophy 2025 : मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) के दाहिने हाथ में जादूगर सा फन है और अपनी कलाई के झटके से वह दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों को चकमा दे सकते हैं लेकिन क्या वह इस जादू से भारत को बारह साल बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद कर सकते हैं? प्रशंसकों को उम्मीद है कि शमी इस टूर्नामेंट में भारत को जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की कमी महसूस नहीं होने देंगे। बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हैं।
वैसे शमी की तैयारियों को लेकर काफी चिंताएं भी हैं। भारतीय टीम को दुबई में बांग्लादेश के खिलाफ 20 फरवरी को पहला मैच खेलना है।
चौतीस वर्ष के शमी चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न स्तरों और अलग अलग प्रारूप में कुछ मैच खेले हैं लेकिन बड़े टूर्नामेंट में अपेक्षाओं पर खरे उतरने का दबाव अलग होता है। ऐसे में बुमराह की गैर मौजूदगी में उन पर दबाव और बढ जाएगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी में शमी के साझेदार अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) होंगे लेकिन वह बुमराह की श्रेणी के गेंदबाज नहीं हैं।
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी (Lakshmipathy Balaji) का मानना है कि शमी के पास काफी अनुभव है और वह इस चुनौती का सामना कर लेंगे।
बालाजी ने कहा , उसने 2019 वनडे विश्व कप और पिछले विश्व कप (2023) में बुमराह से बेहतर गेंदबाजी की थी। बुमराह विभिन्न प्रारूपों में चैम्पियन गेंदबाज है लेकिन शमी के पास अनुभव है और बुमराह के आने से पहले भारत के आक्रमण की जिम्मेदारी उसी पर थी।
उन्होंने कहा , अगर भारत को अच्छा प्रदर्शन करना है तो शमी को नई गेंद से कमाल करना होगा। पहले 6 ओवर में नई गेंद से प्रदर्शन भारत के लिए काफी मायने रखेगा। अगर वह शुरूआती कामयाबी दिला सका तो भारत का मनोबल काफी बढेगा।
शमी की जिम्मेदारी विकेट लेना ही नहीं बल्कि अर्शदीप और हर्षित राणा (Harshit Rana) जैसे गेंदबाजों का मागदर्शन करने की भी होगी।
बालाजी ने कहा ,शमी इस समय गेंदबाजों का अगुआ है। वह लंबे समय से रहा है और पिछले 12 साल में टेस्ट क्रिकेट में खास तौर पर उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। अब दूसरे गेंदबाजों के मार्गदर्शक के तौर पर वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है। (भाषा)
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