Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लॉर्ड्स में बल्ला उठाकर अभिवादन करना बचपन का सपना था : क्रिस वोक्स

हमें फॉलो करें लॉर्ड्स में बल्ला उठाकर अभिवादन करना बचपन का सपना था : क्रिस वोक्स
, रविवार, 12 अगस्त 2018 (15:56 IST)
लंदन। चोटिल होने के कारण लंबे समय तक टेस्ट टीम से बार रहे क्रिस वोक्स ने टीम में वापसी का जश्न शतक लगाकर मनाने के बाद कहा कि क्रिकेट के मक्का 'लॉर्ड्स' मैदान में शतक लगाना 'बचपन का सपना' था जिसका पूरा होने का अहसास 'अविश्वसनीय' है।
 
 
टीम में बेन स्टोक्स की कमी को पूरा करना आसान नहीं था लेकिन वोक्स ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली का विकेट लेने के बाद अपने वापसी मैच में शतक भी लगाया। वोक्स के नाबाद 120 और जानी बेयरस्टो (93) के साथ उनके 189 रनों की साझेदारी से इंग्लैंड ने भारत पर पहली पारी के आधार पर 250 रनों की बढ़त कायम कर ली है।
 
वोक्स ने मैच के बाद कहा कि लॉर्ड्स के मैदान पर बल्ला उठाकर सम्मान में खड़े हुए दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करना बचपन का सपना रहा है लेकिन इसका पूरा होना अद्भुत अहसास है। वोक्स हाल ही में पिता बने हैं और उन्होंने कहा कि टीम के साथी खिलाड़ियों ने उनसे परंपरागत जश्न कार्यक्रम के बारे में पूछा लेकिन जब उन्होंने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की तो सब कुछ 'धुंधला' सा हो गया।
 
उन्होंने कहा कि शतक के करीब पहुंचकर वे थोड़े नर्वस थे लेकिन बेयरस्टो ने उनका हौसला बनाए रखा। वोक्स ने कहा कि 90 रन बनाने के बाद मैं थोड़ा नर्वस था। आप अचानक 3 अंकों के बारे में सोचने लगते हैं। ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों को छेड़ने लगते हैं। जानी (बेयरस्टो) मेरे पास आए और मुझसे बात की जिससे मैं थोड़ा संयमित हुआ। लॉर्ड्स के मैदान पर वोक्स के नाम अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया। यहां उन्होंने इस मैदान में 10 विकेट, पारी में 5 विकेट और शतक लगाने का तिहरा कारनामा किया है।
 
उन्होंने कहा कि यह एक शानदार दिन था। मेरे लिए गर्मियों का अब तक का सत्र निराशाजनक रहा था। मैं टीम में वापस शामिल किए जाने से काफी खुश था। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने वापसी टेस्ट में शतक लगाऊंगा।
 
पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन करने वाले बेन स्टोक्स की जगह लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे लगा की मैं शारिरीक और मानसिक तौर पर खेलने के लिए तैयार हूं। उनसे तुलना करना बड़ी बात है लेकिन आप उस तरीके से नहीं सोचते हो। मैंने उनकी तरह खेलने की कोशिश नहीं की। मैंने अपना खेल खेला और सफल रहा। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शुभंकर और अनिर्बान 100वीं पीजीए चैंपियनशिप में कट से चूके