बेंगलुरु। भारतीय टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार को पीछे छोड़ते हुए गुरुवार को कहा कि टीम इंडिया दूसरे टेस्ट में वापसी करेगी और सीरीज को भी जीतेगी।
कुंबले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीरीज अभी पूरी तरह खुली हुई है, 1 ही मैच हुआ है जबकि 3 टेस्ट बाकी हैं। हम पुणे की हार को पीछे छोड़ चुके हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारी टीम शनिवार से एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
कोच ने पुणे की हार पर कहा कि एक कोच के नाते मेरा कर्तव्य आगे की ओर देखना है न कि पीछे की तरफ। यह जरूर है कि पुणे टेस्ट में चीजें हमारे पक्ष में नहीं रहीं लेकिन हमें इन बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना है और शेष बचे टेस्टों में अच्छा प्रदर्शन करना है।
कुंबले ने याद दिलाया कि किस तरह भारतीय टीम का शानदार घरेलू सत्र रहा था जिसमें उसने एक के बाद एक सभी सीरीज जीतीं। यह सिर्फ 1 टेस्ट था, जहां चीजें गलत होती चली गईं लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अच्छा खेल दिखाया जबकि भारतीय टीम पुणे की चुनौतीपूर्ण पिच पर सही नहीं खेल सकी। उन्होंने कहा कि हम पिच की परिस्थितियों के अनुसार खुद को नहीं ढाल सके। आपको हर मैच और परिस्थिति के साथ अपनी रणनीति बनानी होती है।
बेंगलुरु पिच के लिए कुंबले ने कहा कि वे इस मैदान पर खेलते हुए बड़े हुए और आमतौर पर इसका विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा माना जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस मैच में भी परिणाम देने वाला विकेट निकलेगा। भारतीय भी ऐसा विकेट चाहते हैं जिस पर परिणाम निकले।
कुंबले ने साथ ही कहा कि एक खिलाड़ी, कप्तान या कोच के रूप में वे पिच के हालात को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करते। उन्होंने कहा कि मैं कभी इस बात की चिंता नहीं करता कि पिच कैसी है और लोग क्या कहते हैं? हमें अपने हिसाब से खेलता होता है और अपने ही हिसाब से बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी करनी होती है।
तिहरे शतकधारी करुण नायर को जयंत यादव या अजिंक्य रहाणे की जगह पर शामिल करने के सवाल पर कुंबले ने रहाणे को हटाने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि रहाणे ने पिछले 2 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम संयोजन के मामले में हमने इस बात पर कोई चर्चा नहीं की है। सभी 16 खिलाड़ी उपलब्ध हैं। हां, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि करुण इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक बनाने के बाद फिर टेस्ट टीम में नहीं खेल पाए हैं।
कोच ने कहा कि यही टीम का संयोजन है, जहां हम 5 गेंदबाजों के साथ खेलना चाहते हैं लेकिन यह देखकर अच्छा लगता है कि टीम के पास कई विकल्प उपलब्ध हैं। मौजूदा टीम की यही सबसे बड़ी खूबसूरती है। नायर को तिहरा शतक बनाने के बाद बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट और पिछले पुणे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एकादश में जगह नहीं मिल पाई थी।
कुंबले ने कहा कि कई बार टीम के संयोजन और तालमेल के चलते खिलाड़ी को बाहर बैठना पड़ता है। कोच ने साथ ही कहा कि टीम दूसरे टेस्ट में भी 5 गेंदबाजों के साथ उतर सकती है। यह सबकुछ टेस्ट मैच जीतने के लिए सही तालमेल पर निर्भर करता है। हमें यह देखना होगा कि क्या 4 गेंदबाज पर्याप्त हैं या फिर हमें 5 गेंदबाजों के साथ उतरने की जरूरत है? यह सब पिच को देखने के बाद तय किया जाएगा। हमारा लक्ष्य हर मैच को जीतना है।
कोच ने कहा कि 19 मैचों में लगातार अपराजित रहने का क्रम एक न एक दिन तो टूटना ही था। इसे बरकरार रखना असंभव काम होता है। आप हर मैच नहीं जीत सकते। एक समय यह क्रम टूटेगा ही। लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मौजूदा स्थिति में लगातार 19 मैचों में अपराजित रहना एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि टीम ने अलग-अलग परिस्थितियों में यह कारनामा किया है। चाहे बात श्रीलंका की हो, वेस्टइंडीज या फिर भारत की- हमने अच्छी टीमों के खिलाफ जीत हासिल की, मुश्किल परिस्थितियों में जीते, अलग परिस्थितियों में खुद को ढाला लेकिन पिछले मैच में ऐसा नहीं कर पाए। हमें अब अगले मैच का इंतजार है जिसे हम जीतना चाहेंगे।
कुंबले ने इस बात को खारिज कर दिया कि भारतीय टीम पुणे में डीआरएस का सही इस्तेमाल नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ पिछली 2 सीरीजों में डीआरएस की शुरुआत की गई और हमने विपक्षी टीम के मुकाबले इसका कहीं बेहतर इस्तेमाल किया। (वार्ता)