Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार सीख सरीखी : लक्ष्मण

हमें फॉलो करें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार सीख सरीखी : लक्ष्मण
, सोमवार, 27 फ़रवरी 2017 (19:35 IST)
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली निराशाजनक हार के बाद आलोचनाओं के घेरे में आई टीम इंडिया के बचाव में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद अब वीवीएस लक्ष्मण ने भी उतरते हुए कहा है कि यह हार टीम इंडिया के लिए सीख सरीखी है और वह जल्द ही जोरदार वापसी करेगी। 
           
    
न्यूजीलैंड तथा इंग्लैंड को अपनी धरती पर धूल चटाने वाली टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले ही टेस्ट में करारा झटका लगा और उसे मेहमान टीम के हाथों 333 रन की एकतरफा हार का सामना करना पड़ा।
                
मध्यक्रम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज और कमेंट्रेटर की भूमिका निभा रहे लक्ष्मण ने कहा, यह हार भारतीय टीम के लिए एक तरह का पाठ है कि जब आप देेश के लिए खेलते हैं तो आप इसके गौरव के लिए खेलते हैं। टीम इंडिया ने बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया लेकिन अब उन्हें इससे उबरते हुए अगले मैच में वापसी के लिए सब कुछ झोंक देना चाहिए। 
 
हार के बाद क्रिकेट प्रशंसको की नाराजगी में की गई प्रतिक्रिया पर लक्ष्मण ने कहा, टीम पिछले कुछ समय से जिस तरह बेहतरीन अंदाज में खेल रही थी उससे टीम के प्रति प्रशंसकों की अपेक्षाएं ऊंची हो गई थी। पहले मैच में टीम के बेहद लचर प्रदर्शन से दर्शकों की उम्मीदें ध्वस्त हुई और उन्होंने नाराजगी दिखाई। हालांकि प्रशंसकों को समझना होगा कि हार जीत खेल का हिस्सा है और टीम एक बार फिर जोरदार वापसी करेगी।
                         
लक्ष्मण ने कहा, मैं वाकई विराट तथा कोच अनिल कुंबले की पीड़ा समझ सकता हूं। यह समय हार पर प्रतिक्रिया करने के बजाय टीम को समर्थन देने का है ताकि उसमें फिर से उत्साह भर सके। आप हार की हजार वजहें ढूंढ सकते हैं लेकिन सीरीज में चापसी के लिए हमें इस सब बातों को पीछे छोड़ना होगा।
           
मैच के बाद पुणे के विकेट की हो रही आलोचनाओं के बीच लक्ष्मण ने भी इस बात का समर्थन किया है कि टेस्ट मैच पांच दिनी प्रारूप है और इसमें इस तरह की विकेट नहीं होनी चाहिए। सीरीज का अगला मैच चार मार्च से बेंगलुरु में होना है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ओपनिंग साझेदारी सुधारना अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी