क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर स्लिप को स्लिप क्यों कहते हैं? या कवर को कवर क्यों कहते हैं (आखिर उस क्षेत्ररक्षण स्थिति का नाम कवर क्यों पड़ा?)।
साथ ही क्रिकेट क्षेत्ररक्षण का जो सबसे दिलचस्प नाम है वो है थर्ड मैन (अगर आप इस बारे में गहराई से सोचें तो कहेंगे आखिर वन मैन और सेकंड मैन कहां हैं) या भारतीयों की पसंदीदा क्षेत्ररक्षण स्थिति गली को ही ले लीजिए (इसका गली क्रिकेट से तो कोई संबंध नहीं है?)।
भारत में क्रिकेट खेलने वाले और क्रिकेट देखने वाले बहुत से लोग हैं। लेकिन क्रिकेट में कई ऐसी चीजें हैं जिनका हम नाम तो जानते हैं, लेकिन हमें यह नहीं पता कि उनका नाम पड़ा तो कैसे पड़ा? जैसे उदाहरण के तौर पर प्वॉइंट को ही ले लीजिए। प्वॉइंट में क्षेत्ररक्षक इसलिए तैनात किया जाता है ताकि वह कट शॉट को सीमा रेखा की तरफ जाने से रोक सके। दुनिया के सबसे बेहतरीन फील्डरों में शुमार जोंटी रोड्स की क्षेत्ररक्षण स्थिति यही हुआ करती थी।
जब हम स्लिप का नाम लेते हैं तो हमें स्लिप में खड़े शेन वॉर्न और मार्क वॉ याद आ जाते हैं, जो अपनी-अपनी गोल टोपी पहने किसी भी गेंद को स्लिप में खड़े हुए कैच करने को मुस्तैद रहते थे।
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हम इस तरह के अनसुलझे सवालों के जवाब आपको बताने जा रहे हैं, जो आपको रोमांचित कर देंगे।
ऑफ और ऑन साइड : अगर आप सोच रहे हैं कि इसका संबंध आपके पंखे या ट्यूबलाइट के स्विच से है तो आप गलत सोच रहे हैं। क्रिकेट में ऑन साइड और ऑफ साइड का प्रचलन 19वीं सदी में जुड़ा।
19वीं सदी में आज की तरह माल ढोने के लिए बड़े-बड़े वाहन नहीं होते थे इसलिए माल ढुलाई के लिए कैरिएज का इस्तेमाल किया जाता था। जिस ओर से गाड़ी को वाहन चालक चलाया करता था उसे ऑफ साइड कहते थे और उसके दूसरी तरफ वाली साइड को ऑन साइड कहते थे।
यही बोली कुछ दिन बाद क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने लगी। क्रिकेट में जब आप अपने पैरों से दूर शॉट खेलते हो तो उसे ऑफ साइड कहते हैं और जब आप शॉट अपने पैरों के पास से खेलते हो तो उसे लेग साइड कहते हैं।
स्लिप- क्रिकेट के मैदान का यह सबसे सुलझा हुआ नाम है। यह तब शुरू हुआ, जब कप्तानों ने बल्लेबाजों द्वारा की गई गलतियों को भुनाने के लिए कीपर के बगल से खिलाड़ी लगाने शुरू कर दिए ताकि बल्लेबाज के बल्ले से गेंद स्लिप हो और कीपर के बगल से खड़े खिलाड़ी उसे कैच कर लें। स्लिप का नाम गेंद के बल्ले से स्लिप होने के चलते पड़ा।
प्वॉइंट- क्रिकेट का शब्द प्वॉइंट अंग्रेजी के एक जुमले 'नियर द प्वॉइंट' से लिया गया है। प्वॉइंट का फील्डर बैट्समैन के बैट की सीध में तैनात रहता है। यह बताता है कि पहले के मैचों में प्वॉइंट का फील्डर बल्लेबाज के बहुत करीब लगा करता था। आजकल प्वॉइंट 30 गज के घेरे के करीब लगाया जाता है।
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गली- गली का सही मतलब है एक संकरा रास्ता। दरअसल, शुरू में कप्तान स्लिप और प्वॉइंट लगाकर बल्लेबाज को आउट करने की कोशिश किया करते थे, लेकिन बल्लेबाज प्वॉइंट और स्लिप के बीच में खेलकर आसानी से सिंग्ल्स और डबल चुरा लेता था, तब कप्तानों ने स्लिप और प्वॉइंट के गैप को भरने के लिए गली फील्डिंग पॉजीशन का ईजाद किया।
थर्डमैन- यहां पर यह जानना जरूरी है गली और प्वॉइंट आसपास वाली पोजीशन हैं। जैसा कि ऑफ साइड में गैप को भरने के लिए स्लिप और प्वॉइंट लगाया जाता है उसी तरह उनके बीच की गैप में गेंद को रोकने के लिए एक तीसरे फील्डर को लगाया जाता है, जो बाउंड्री की ओर जाने वाली गेंदों को रोक सके। इसी खिलाड़ी का बाद में नाम थर्डमैन पड़ गया।
कवर्स- इस पॉजीशन का नाम कवर्स कैसे पड़ा, इसकी एक रोचक कहानी है। जब खेल समाप्त हो जाता है तब मैदान के कवर को एक ओर मैदान में ही रख दिया जाता है जिससे प्रेरणा लेते हुए कप्तान उस पॉजीशन को कवर्स कहने लगे।
मिड ऑन और मिड ऑफ- इस टर्म को लेकर थोड़ी गलतफहमी है। कई लोग कहते हैं कि यह पोजीशन मैदान पर खिलाड़ियों के मैदान के बीच में खड़े होने से है। मतलब ये फील्डर बल्लेबाज के न ज्यादा दूर होते हैं और न ज्यादा करीब। आज के समय में जिसे मिड ऑफ और मिड ऑन कहते हैं उसे पहले मिडिल विकेट ऑफ और मिडिल विकेट ऑन कहते थे।
मिडिल विकेट वह पोजीशन है, जहां खिलाड़ी ऑफ साइड में गेंदबाज और एक्स्ट्रा कवर के बीच में लगाया जाता है। कुछ समय के बाद कप्तान को कुछ ऐसी ही पोजीशन पर लेग में खिलाड़ी की आवश्यकता महसूस हुई और उन्होंने दोनों का नाम ऑन और ऑफ लगाते हुए रख दिया। इसके बाद लांग ऑफ और लांग ऑन का ईजाद हुआ जिसका मतलब था बल्लेबाज से दूर और सीमा रेखा के करीब।