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'मसाला फिल्म' की तरह रहा धर्मशाला टेस्ट मैच

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सीमान्त सुवीर

, बुधवार, 29 मार्च 2017 (00:44 IST)
बॉलीवुड की मसाला फिल्मों में जो कुछ भी रहता है, वह सब धर्मशाला की हसीन वादियों में खेले गए चौथे टेस्ट में देखने को मिला, सिवाय इसके कि खुलेआम मारपीट नहीं हुई..लेकिन जो 'एक्शन सीन'  भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए इस मैच में सामने आया वह बहुत घिनौना था...मेहमानों द्वारा ऐसे-ऐसे शब्द बोले गए कि बयां करना भी मुश्किल है। छूट गालियां बकी गईं, अपमानित किया गया, लेकिन भारत की टेस्ट जीत के साथ ही सारी बातें पार्श्व में छुपकर रह गई...
 
यह पहला प्रसंग है जबकि भद्रजनों का ये खेल नीचता पर उतर आया। ऑस्ट्रेलियन यूं भी जब किसी देश में जाते हैं तो टीम के साथ उसके साथ जाने वाला मीडिया भी निष्पक्ष खेल की रिपोर्टिंग करने के बजाय इस जुगत में लग जाता है कि किस तरह मेजबान टीम के हौसले पस्त किए जाएं। इस बार तो ऑस्ट्रेलियन रणनीति में खुद कप्तान स्टीवन स्मिथ भी शामिल हो गए जो भद्दी गालियां बकते हुए कैमरे में कैद किए गए।
 
बेंगलुरु टेस्ट में कैच लपकने के प्रयास में भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार किए जाने वाले विराट कोहली कंधा तुड़वा बैठे थे और ऐसे में वे हिमाचल में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में मैदान पर उतरे ही नहीं। कार्यवाहक कप्तानी का भार अजिंक्य रहाणे ने बखूबी निभाया और भारत आठ विकेट न केवल मैच जीता, बल्कि चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 से जीतकर 'बार्डर-गावस्कर ट्रॉफी' पर कब्जा भी कर लिया, वह भी मैच के चौथे दिन और लंच से पहले।  भारत को जीत के लिए 106 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। लोकेश राहुल 51 रन और अजिंक्य रहाणे 38 रन बनाकर नाबाद रहे। 
 
यह चौथा मौका था जब भारतीय टीम ने पहला मैच हारने के बाद टेस्ट सीरीज अपने नाम की है। इससे पहले वर्ष 2000-01 में भारत ऐसा ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी कर चुका है। तब आपको याद होगा कि वीवीएस लक्ष्मण ने दोहरा शतक जमाया था और हरभजन सिंह के नाम हैट्रिक रही थी। उस दौरे में भी मैदान पर जमकर छींटाकशी हुई थी और इस बार तो उसने अपनी सारे हदें ही पार कर लीं। 
 
यदि भारतीय क्रिकेटर मैदान पर कुछ कहते हैं तो वह 'स्लेजिंग' की श्रेणी में आ जाता है लेकिन ऑस्ट्रेलियंस गाली भी बक दें तो उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस बार के दौरे में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ भी भारत को हराने की सोची-समझी रणनीति में शामिल हो गए। इसके बावजूद भारत उस स्थिति में बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहा, जब चौथे टेस्ट में भारत का शेर 'विराट कोहली' मैदान से बाहर था...जिस विराट के बल्ले से इस सीरीज के पहले दोहरे शतक और शतक की बौछार हुआ करती थी, उसका तीन टेस्ट मैचों की पारियों में फार्म नदारद रहा और बल्ले से निकले केवल 46 रन...
 
ऑस्ट्रेलिया ने दौरा शुरू होने के तत्काल बाद विराट को टारगेट किया और वह अपनी चाल में सफल भी हो गए, लेकिन कौन जानता था कि विराट के अलावा टीम में रवींद्र जडेजा, उमेश यादव, आर अश्विन, चेतेश्वर पुजारा जैसे छुपे रुस्तम भी भी हैं। बहरहाल, टीम इंडिया अपनी नंबर वन की टेस्ट रैंकिंग बचाने में कामयाब रही, लेकिन इस मैच से कहीं दूर सोशल मीडिया पर जो ताने चले, वह बहुत दिलचस्प थे। इस बार तो बीसीसीआई ने भी बहादुरी का काम किया और ट्‍विटर पर धड़ाधड़ ट्‍वीट करके ऑस्ट्रेलियाई सूरमा खिलाड़ियों की बधिया उखेड़कर रख दी।
 
सोशल मीडिया पर अन्य मसालों के साथ सबसे दिलचस्प राहुल के कमेंट्‍स रहे। लोगों ने लिखा कि एक राहुल (केएल राहुल) वह हैं जो क्रिकेट के मैदान में टीम के लिए जान की बाजी लड़ाकर मैच जिताते हैं और एक राहुल (राहुल गांधी) वह हैं जो राजनीति के अखाड़े में लुटिया डुबो देते हैं। कुछ इसी तरह के मजेदार किस्से दिनभर सोशल मीडिया पर छाए रहे क्योंकि भारतीय टीम ने लंच से पहले ही जीत दर्ज कर ली थी और लोगों को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए भी भरपूर वक्त मिल गया था।
 
दुनियाभर के क्रिकेट पंडित भारत की ऑस्ट्रेलिया जैसी ताकतवर टीम पर 8 विकेट से जीत को पचा नहीं पा रहे हैं। धर्मशाला की विकेट को बाउंसी विकेट माना जाता है, ऐसे विकेट पर भारतीय गेंदबाजों का करिश्माई प्रदर्शन वाकई दाद के काबिल है। काश! ऑस्ट्रेलियाई टीम को कोई समझा पाता कि मैच गालियां बककर, डरा-धमकाकर नहीं, दिमाग से जीते जाते हैं। जैसा कि भारतीयों ने पूरी दुनिया के सामने करके दिखाया है... 

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