इंग्लैंड के खिलाफ हारे हुए टेस्ट में ध्रुव जुरेल ने दिलाई थी जीत, ओवल पर रहेंगी वही उम्मीदें
विदेशी चुनौतियों से पार पाना हमेशा विशेष होता है: ध्रुव जुरेल
ENGvsIND भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल समझते हैं कि विदेशी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने से खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह चोटिल उप कप्तान ऋषभ पंत की जगह इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।पंत के चोटिल होने के कारण 24 वर्षीय जुरेल ने लॉर्ड्स और मैनचेस्टर में पिछले दो टेस्ट मैचों में भारत के लिए विकेटकीपिंग की थी।
जुरेल ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) द्वारा साझा किए गए वीडियो में कहा, विदेश की चुनौतियों से पार पाना हमेशा विशेष होता है। अगर आप विदेश में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो लोग आपको ऊंचा दर्जा देंगे, इसलिए मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं बस मैदान पर उतरकर खुद को अभिव्यक्त करना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, यह मैच हम सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है इसलिए मैं इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं टीम की जीत में अपना योगदान देना चाहता हूं।
पिछले साल राजकोट में इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले जुरेल ने अब तक चार टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 40.40 की औसत से 202 रन बनाए हैं। उनके नाम पर एक अर्धशतक भी दर्ज है।
पिछले साल राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में पदार्पण करने वाले जुरेल ने चौथे टेस्ट की पहली पारी में 90 रन की जुझारू पारी खेलकर भारतीय टीम में अपना दावा मजबूत किया।यही नहीं ऐसी परिस्थिति दुबारा आई जब इंग्लैंड भारत के 5 विकेट चटका चुका था। तब भी ध्रुव जुरेल ने 39 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत की दहलीज पर पहुंचाया।
उन्होंने कहा, एक टीम मैन वह होता है जो अंतिम एकादश में शामिल होने या नहीं होने पर भी ऐसा काम करता है जिससे टीम को जीत मिलती है।
इस श्रृंखला में मैदान पर उतरने के पल को याद करते हुए जुरेल ने कहा, मैं बचपन से ही लॉर्ड्स में खेलने के बारे में सोचता था, इसलिए मैं बस उस पल को महसूस कर रहा था। वहां खेलने का अनुभव शानदार था। ऋषभ भैया के साथ जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। लॉर्ड्स में खेलना मेरा सपना था।जुरेल को पंत द्वारा दी गई टिप्स भी याद थीं।
उन्होंने कहा, ऋषभ भैया सीनियर खिलाड़ी हैं, उन्होंने मुझे बताया कि मैं किस लाइन पर स्टांस ले सकता हूं और पैरों की मूवमेंट कैसी होनी चाहिए। मैं दिलीप सर (फील्डिंग कोच) के साथ इस पर काम कर रहा हूं।