नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और 2003 विश्वकप टीम का हिस्सा दिनेश मोंगिया ने बुधवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट लेने की घोषणा कर अपने क्रिकेट करियर पर विराम लगा दिया। मोंगिया ने अपने आखिरी आधिकारिक मैच के 12 वर्ष बाद क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने अपने करियर में 57 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने एक शतक और 4 अर्धशतक लगाए। उन्होंने भारत के लिए केवल एक अंतरराष्ट्रीय ट्वंटी 20 मैच खेला लेकिन टेस्ट टीम में कभी जगह नहीं बना पाए।
वह घरेलू क्रिकेट में पंजाब की ओर से खेलते थे। मोंगिया ने वर्ष 1995 में पंजाब के लिए पदार्पण किया था। उन्हें वर्ष 2001 में अपने घरेलू प्रदर्शन की बदौलत भारत की वनडे टीम में वापिस बुलाया गया था। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे टीम में पदार्पण का मौका दिया गया था।
दिनेश मोंगिया ने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 27.95 के औसत से 1230 रन बनाए थे। उन्होंने गुवाहाटी में वर्ष 2002 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने नाबाद 159 रन बनाए थे और युवराज सिंह के साथ 158 रन की साझेदारी की थी।
मोंगिया अपने करियर में इस बात को लेकर चर्चा में रहे थे कि उन्हें 2003 के विश्वकप में वीवीएस लक्ष्मण की जगह भारतीय टीम में शामिल किया गया था। पूर्व क्रिकेटर को करियर में बागी इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में शामिल होने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद से उन्होंने किसी आधिकारिक मैच में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने पंजाब के लिए आखिरी मैच 2007 में खेला था।
मोंगिया ने प्रथम श्रेणी में काफी प्रभावशाली प्रदर्शन किया और 48.95 के औसत से 8,028 रन बनाए, जिसमें 21 शतक शामिल है। उन्होंने लंकाशायर और लीसेस्टरशायर काउंटी चैंपियनशिप में भी अपने भाग्य को आजमाया।