नई दिल्ली। विशेषज्ञ क्रिकेटरों और नई रणनीति के साथ इंग्लैंड की टीम उम्मीदों को नतीजों में बदलने के इरादे से उतरेगी और उसके पास एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप जीतने का यह संभवत: सर्वश्रेष्ठ मौका होगा।
क्रिकेटर के घर इंग्लैंड में यह खेल अब शीर्ष पर नहीं है लेकिन 14 जुलाई को अगर इयोन मोर्गन लार्ड्स की बालकनी में खिताबी ट्रॉफी उठा लेते हैं तो निश्चित तौर पर इस खेल की गिरती लोकप्रियता में इजाफा होगा।
विश्व कप 2015 में लचर प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड के रवैये में आमूलचूल बदलाव आया है। टीम तब क्वार्टर फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई थी। इंग्लैंड ने हालांकि इसके बाद आक्रामक क्रिकेट खेलना शुरू किया और विशेष रूप से इस प्रारूप को देखते हुए मैच विजेता तैयार किए।
टीम को इसके शानदार नतीजे भी मिले। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड की एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम इससे पहले कभी विश्व कप में इतने बड़े दावेदार के रूप में नहीं उतरी और आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही है।
भारत के पास अगर शिखर धवन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के रूप में शीर्ष तीन पर शानदार बल्लेबाज हैं तो वहीं इंग्लैंड के पास जेसन रॉय, जानी बेयरस्टों, जो रूट, जोस बटलर, बेन स्टोक्स और कप्तान मोर्गन के रूप में संभवत: सर्वश्रेष्ठ शीर्ष छह बल्लेबाज हैं जो अपने दम पर खेल का रुख बदलने में सक्षम हैं।
हाल में इंग्लैंड के टेस्ट विशेषज्ञ स्टुअर्ट ब्राड ने कहा था कि एकदिवसीय क्रिकेट में अच्छा रिकॉर्ड रखने वाला कोई भी पूर्व महान खिलाड़ी मौजूदा टीम के शीर्ष छह खिलाड़ियों की जगह नहीं ले सकता जो लगातार बड़ा स्कोर खड़ा कर रहे हैं।
इसके अलावा टीम के पास लेग स्पिनर आदिल राशिद और तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर भी हैं। 2015 विश्व कप से राशिद एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज हैं जबकि आर्चर में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए गति और कौशल है।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और भारतीय कप्तान कोहली आर्चर को खेल बदलने वाला गेंदबाज बता चुके हैं जबकि उनका यह भी कहना है कि एकदिवसीय क्रिकेट में 500 रन के आंकड़े तक सबसे पहले पहुंचने की क्षमता इंग्लैंड में है।
इंग्लैंड में नई जान फूंकने का श्रेय बटलर को जाता है जिन्होंने 2015 के अंत में यूएई में पाकिस्तान के खिलाफ 46 गेंद में शतक जड़कर टीम में नया आत्मविश्वास भरा।
इंग्लैंड ने इसके बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह विकेट पर 481 रन का एकदिवसीय क्रिकेट का सर्वोच्च स्कोर बनाया। टीम ने इसके अलावा 350 से अधिक रन के लक्ष्य भी आसानी से हासिल किए।
इसके अलावा बटलर, स्टोक्स, मोईन अली और बेयरस्टो को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का फायदा भी मिला और इनके खेल में सुधार हुआ। इंग्लैंड के प्रशंसकों की ‘बार्मी आर्मी’ को उम्मीद होगी कि कप्तान मोर्गन की टीम इस बार खिताब जीतने में सफल रहेगी।