विराट कोहली ने इंग्लैंड से हुई टेस्ट सीरीज में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। क्लाइव लॉयड की टेस्ट जीतों के रिकॉर्ड की उन्होंने बराबरी की। महेंद्र सिंह धोनी के भारतीय पिच पर सर्वाधिक जीत के रिकॉर्ड को तोड़ा और आखिरी टेस्ट में 60 मैच की कप्तानी के रिकॉर्ड की भी बराबरी की।
कप्तान कोहली के लिए यह सीरीज जितनी अच्छी रही बल्लेबाज विराट के लिए उतनी ही खराब रही। विराट कोहली इंग्लैंड से हुई 4 टेस्ट मैचौं की सीरीज में एक भी शतक नहीं लगा पाए और सिर्फ 2 बार अर्धशतक जमा पाए। यही नहीं 2 बार तो वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए।
इसका ही नतीजा है कि विराट कोहली टेस्ट सीरीज में 4 मैच की 6 पारियों में 28 की औसत से सिर्फ 172 रन ही बना पाए। उनसे ज्यादा रन तो सुंदर और अश्विन ने बनाए।
आर अश्विन ने 4 मैच की 6 पारियों में 31 की औसत से 189 रन बनाए। इसमें एक शतक भी शामिल था। वहीं सुंदर ने 3 मैचों की 4 पारियों में 90 की औसत से 181 रन बनाए। सुंदर ने दो अर्धशतक बनाए। दोनों ही बार वह शतक के करीब थे लेकिन चूक गए।
गौरतलब है कि आर अश्विन और वाशिंगटन सुंदर को गेंदबाजी के लिए टीम में रखा गया है। हालांकि अब अश्विन ने खुद को एक ऑलराउंडर के तौर पर स्थापित कर लिया है। लेकिन एक स्थायी 4 नंबर के बल्लेबाज से इन दोनों का ज्यादा रन बनाना बताता है कि विराट कोहली का फॉर्म कितना खराब रहा है।
सीरीज शुरु होने से पहले तो यह दावा किया जा रहा था कि जो रूट और विराट कोहली के बीच बल्ले से दिलचस्प जंग देखने को मिलेगी । लेकिन बल्लेबाजी में जो रूट उनसे कहीं आगे रहे। रूट ने पहले टेस्ट के दोहरे शतक के दम पर सर्वाधिक 368 रन बनाए।
विराट कोहली से ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने भी ज्यादा रह बनाए। बेन स्टोक्स ने 2 अर्धशतक की मदद से सीरीज में 203 रन बनाए।
ऐसा इस कारण हुआ क्योंकि कोहली एक भी शतक नहीं बना पाए। जब वह पिच पर सेट हुए तो एक बेहतरीन गेंद उनका विकेट निकाल ले गई। कुल 7 मैच और 12 पारियां हो चुकी हैं विराट के बल्ले से टेस्ट शतक आए हुए। यही कारण है कि वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर पांचवे पायदान पर खड़े हैं और उनके अंक लगातार कम हो रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत की टीम को 18 जून से न्यूजीलैंड के विरूद्ध आसीसी टेस्ट चेंपियनशिप का फाइनल भी खेलना है उससे पहले टेस्ट में उनका यह प्रदर्शन भारत के लिए चिंता की लकीरें खींच सकता है।
वनडे से उम्मीद
टेस्ट में तो जो हुआ सो हुआ अब विराट के फैंस को उम्मीद है कि वनडे सीरीज में शतक लगाकर यह शतकों का सूखा कम किया जाए, ताकि विराट जल्दी ही फॉर्म में वापसी करें। विराट कोहली की घरेलू मैदान पर शतक जड़ने की ज्यादा संभावना है। टेस्ट की तरह पिच बदलेगी नहीं और सफेद गेंद लाल गेंद की तरह स्विंग भी नहीं होगी। देखना होगा विराट के बल्ले से वनडे शतक कब आता है। (वेबदुनिया डेस्क)