भारत ने इंग्लैंड को 189 रनों पर समेटकर सूझबूझ भरी बल्लेबाजी के चलते एंटीगा में सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में खेला गया अंडर 19 विश्वकप का फाइनल मैच 5 विकटों से जीत लिया। भारत का यह रिकॉर्ड पांचवा अंडर 19 विश्वकप है। इससे पहले भारत 2000, 2008, 2012, 2018 में यह खिताब अपने नाम कर चुका है।
लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंचे भारत ने अंडर 19 विश्वकप में एक भी मैच नहीं गंवाया और इंग्लैंड को टूर्नामेंट में पहली बार ऑलआउट किया। 4 विकेट से जीत के 4 नायक हैं, आइए नजर डाल लेते हैं उन क्रिकेटरों पर जिसके कारण भारत को मिली ऐतिहासिक जीत
राज बावा- राज बावा ने ना सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले संधू के साथ अंत तक साझेदारी कर यह सुनिश्चित किया कि भारत रिकॉर्ड पांचवा अंडर 19 विश्वकप जीते। गेंदबाजी में तो बावा ने 9.5 ओवर में 31 रन देकर 5 विकेट झटके। पहले उन्होंने खतरनाक दिख रहे जॉर्ज थॉमस को 27 के स्कोर पर आउट किया और अंत में इंग्लैड की पूंछ को ज्यादा देर तक हिलने नहीं दिया। बल्लेबाजी में वह 97 पर 4 के स्कोर पर आए थे लेकिन इसके बाद उन्होंने बल्ले से भी अच्छे हाथ दिखाए। वह टीम को अपने बल्ले से जीत तो नहीं दिला सके लेकिन 54 गेंदो में 2 चौके और 1 छक्के की मदद से 35 रन बना गए।
रवि कुमार- भारत के लिए इस टूर्नामेंट की खोज रहे रवि कुमार ने आते ही साथ इंग्लैंड को लगातार झटके देने शुरु किए। जिससे इंग्लैंड की टीम उबर ही नहीं पायी। जब इंग्लैंड 91 पर 7 से 184 पर 7 की एक मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी थी तब रवि कुमार ने भारत को सबसे बेशकीमती विकेट दिलाई।
जेम्स रियू को 95 रनों पर आउट कर भारत मैच में वापस आ पाया नहीं तो इंग्लैंड का स्कोर 200 पार जा सकता था। रवि कुमार ने 9 ओवरों में 34 रन देकर 4 विकेट लिए।
शेक रशीद- सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ताबड़तोड़ पारी खेलने वाले शेक रशीद ने हालोतों को समझा। स्कोर बहुत बड़ा नहीं था इस कारण वह टेस्ट बल्लेबाज की भांति खेल को आगे बढ़ाते रहे। पहले उन्होंने हरनूर के साथ 49 रनों की साझेदारी की। उसके बाद यश धुल के साथ 44 रनों की साझेदारी की।
एक गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर रशीद जरूर आउट हुए लेकिन वह भारत की जीत की नींव बिछा कर पवैलियन लौटे। रशीद ने 84 गेंदो में 6 चौकों की मदद से 50 रन बनाए।
निशांत संधू- अगर यह कहा जाए कि सबकी मेहनत पर मुहर निशांत संधू ने लगाई है तो गलत नहीं होगा। एक बहुत ही नाजुक समय पर बल्लेबाजी करने आए संधू ने राज बावा के साथ पांचवे विकेट के लिए 50 से ज्यादा की साझेदारी कर भारत को मुश्किल से निकाला।
दूसरे छोर से जब जब दबाव बना उन्होंने बड़ा शॉट खेलकर उसे उतारा लेकिन उनकी असली परीक्षा मैच के अंतिम क्षणों में हुई जब दबाव बढ़ रहा था। मैच को बाना ने 2 छक्के लगाकर भले ही खत्म किया हो लेकिन 54 गेंदो में 5 चौके और 1 छक्के से सजी 50 रनों की पारी से संधू ने भारत की ऐतिहासिक जीत पक्की की।(वेबदुनिया डेस्क)