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गावस्कर और शास्त्री ने जायवाल को आउट दिए जाने के फैसले को बताया गलत

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हमें फॉलो करें गावस्कर और शास्त्री ने जायवाल को आउट दिए जाने के फैसले को बताया गलत

WD Sports Desk

, सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (17:50 IST)
Sunil Gavaskar on Yashasvi Jaiswal Wicket : पूर्व भारतीय क्रिकेट सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री ने सोमवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल को पैट कमिंस की गेंद पर तीसरे अंपायर के फैसले गलत बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
 
भारत की दूसरी पारी के 71वें ओवर में जायसवाल ने कमिंस की शॉर्ट पिच गेंद को पुल करने का प्रयास किया था लेकिन गेंद उनके बल्ले के बेहद करीब से निकली और कीपर ने पीछे कैच किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपील की लेकिन मैदानी अंपायर जोएल विल्सन ने नकार दिया। कमिंस ने इस पर रिव्यू लिया और तीसरे अंपायर बंगलादेश के शफुद्दौला ने जब स्निको पर इस कैच को चेक किया तो कोई भी डिफलेक्शन नहीं दिख रहा था। लेकिन नॉर्मल वीडियो में दिख रहा था कि गेंद यशस्वी के ग्लब्स के पास से डिफलेक्ट हो रही थी। तीसरे अंपायर ने नॉर्मल वीडियो के डिफलेक्शन पर भरोसा किया और स्निको को नकारते हुए आउट का फैसला दिया।
 
इसके बाद कॉमेंटी कर रहे गावस्कर ने कहा, “यह फैसला पूरी तरह से गलत है। तीसरे अंपायर को सबूत चाहिए और तीसरे अंपायर को उसी हिसाब से निर्णय देना होगा। अगर मैदानी अंपायर ने कोई निर्णय लिया है तो उसको बदलने के लिए पर्याप्त सबूत चाहिए होते हैं, जो इस मामले में नहीं था। ऐसे में आप तकनीक का प्रयोग क्यों ही कर रहे हैं। वीडियो में जो दिख रहा है, वह ऑप्टिकल इल्यूजन भी हो सकता है।”

वहीं शास्त्री ने कहा, “बहुत कम बार ऐसा फैसला होता है, जहां पर स्निको में कुछ नहीं दिखता और आप मैदानी अंपायर के नॉट आउट के फैसले को बदल कर आउट का निर्णय लेते हैं। आज ऐसा लग रहा है कि स्निको ऑस्ट्रेलिया का छठा गेंदबाज है।”


मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस विवाद का पटाक्षेप करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं इस पर क्या बोलूं क्योंकि तकनीक (SNICKO Meter) तो कुछ नहीं दिखा रहा था, लेकिन खुली आंखों से लगा कि गेंद कुछ तो छूकर गया है। मुझे नहीं पता कि अंपायर तकनीक का कैसे उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो जायसवाल ने गेंद को छुआ था। हालांकि कोई भी तकनीक शतप्रतिशत सही नहीं होती और ऐसा हुआ है कि हम दुर्भाग्यशाली रहे हैं और यहां नहीं भारत में भी ऐसे कई फैसले हमारे खिलाफ गए हैं।” (एजेंसी)

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