बेंगलुरु। भारत ने उम्मीद के अनुरूप अफगानिस्तान की कमजोरियों का खुलासा करके शुक्रवार को यहां दूसरे दिन चाय के विश्राम तक 27.5 ओवर में 109 रन पर ढेर कर दिया, जिससे इस एकमात्र टेस्ट क्रिकेट मैच के जल्दी समाप्त होने की संभावना बन गई है। भारत ने पहली पारी में 365 रन की बड़ी बढ़त हासिल की जिससे भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अफगानिस्तान को फॉलोआन के लिए बुलाने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई।
इससे पहले ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या की सतर्कता और आक्रामकता के मिश्रण वाली 71 रन की पारी से भारत ने अपनी पहली पारी में 474 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया था। बल्लेबाजी अफगानिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी रही है तथा उसके अनुभवहीन बल्लेबाजों के पास इशांत शर्मा (28 रन देकर दो विकेट) और उमेश यादव (18 रन देकर एक विकेट) की स्विंग और सीम से सामंजस्य बिठाने के लिए न तो तकनीक थी और न ही धैर्य। अफगानिस्तान का प्रत्येक बल्लेबाज सीमित ओवरों के ढांचे में ढला हुआ लग रहा था तथा टेस्ट क्रिकेट के लिए जरूरी संयम नहीं दिखा।
इसका परिणाम यह रहा कि उसकी पूरी पारी एक सत्र में सिमट गई और केवल मोहम्मद नबी (24) ही 20 रन की संख्या पार कर पाए। शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के आउट होने के बाद रविचंद्रन अश्विन (27 रन देकर चार) और रविंद्र जडेजा (18 रन देकर दो) ने मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाजों को समेटने में देर नहीं लगाई जिससे मुकाबला एकतरफा बन गया है। अफगानिस्तानी पारी के पतन की शुरुआत मोहम्मद शहजाद (14) के रन आउट होने से हुई। इसके बाद काउंटी से लौटे इशांत ने जावेद अहमदी का मिडिल स्टंप थर्राया।
उमेश ने रहमत शाह को पगबाधा आउट करके टेस्ट मैचों में विकेटों का शतक पूरा किया। दिन की सबसे खूबसूरत गेंद इशांत ने विकेटकीपर बल्लेबाज अफसार जजाई (छह) को की। यह फुललेंथ गेंद जजाई का विकेट उखाड़ गई। अश्विन ने इसके बाद विरोधी कप्तान असगर स्टेनिकजई (11) को अपनी आफ ब्रेक से चकमा दिया। इसके बाद भी विकेट गिरने का क्रम नहीं थमा। इससे पहले पंड्या के टेस्ट क्रिकेट में तीसरे अर्धशतक और उमेश के 21 गेंदों पर 26 रन के दम पर भारत ने पहले सत्र में 127 रन बटोरे।
इस बीच अफगानिस्तान के कप्तान असगर स्टेनिकजई ने 104.5 ओवर तक नई गेंद नहीं ली। पंड्या ने अपनी पारी में 91 गेंदों का सामना करके दस चौके लगाए। उनकी पारी की विशेषता यह रही कि उन्होंने शाट जमाने के लिए ढीली गेंदों का इंतजार किया तथा इस बीच अपनी रक्षात्मक तकनीकी का भी अच्छा नमूना पेश किया।
अश्विन ने तेज गेंदबाज यामिन अहमदजई (51 रन देकर तीन विकेट) की बाहर जाती गेंद को छेड़कर विकेट के पीछे कैच दिया। उन्होंने 18 रन बनाए। पंड्या ने अश्विन के आउट होने के बाद तेजी दिखाई और जब दूसरे छोर पर जडेजा (20) उनका साथ दे रहे थे तब लगातार चौके लगाए। जडेजा ने मोहम्मद नबी पर छक्का जमाया लेकिन एक और लंबा शाट खेलने के प्रयास में उन्होंने सीमा रेखा के पास कैच थमाया।
इन दोनों ने 13 ओवरों में 67 रन की साझेदारी की। पंड्या ने राशिद खान (154 रन देकर दो विकेट) पर लगातार दो चौके जमाकर अपने इरादे जतलाए। उन्होंने नबी की गेंद पर एक रन लेकर अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने वफादार (100 रन देकर दो विकेट) पर भी ऑन ड्राइव और पुल से चौके जड़े। पंड्या की पारी का अंत आखिर में वफादार ने ही किया। इसके बाद उमेश क्रीज पर उतरे जिन्होंने वफादार पर चौका और दो छक्के लगाए। राशिद ने इशांत (आठ) को पगबाधा आउट करके भारतीय पारी का अंत किया। (भाषा)