मेलबर्न:कोरोना महामारी के मद्देनजर पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में सख्त क्वारंटीन नियमों के कारण पर्थ के क्रिकेट मैच का आयोजन करने में असमर्थ होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के द्वीप राज्य तस्मानिया की राजधानी होबार्ट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पांचवें और अंतिम एशेज टेस्ट मैच की मेजबानी करेगी।
समझा जाता है कि विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और कैनबरा ने मैच की मेजबानी के अधिकार के लिए बोली लगाई थी, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने गुरुवार को अपनी और तस्मानियाई सरकार की एक संयुक्त बोली पर मुहर लगा दी।
दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पांचवें टेस्ट मैच की मेजबानी के अधिकार के लिए टेंडर जारी किया था। वहीं इस हफ्ते की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने उसके, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया सरकार और पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड के बीच असहमति के बाद अंतिम एशेज टेस्ट के पर्थ से स्थानांतरण की पुष्टि की थी।
अमेरिकी न्यूज चैनल एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक समझौता पूरा हो गया है और इस सप्ताहांत तक इस बारे में आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। होबार्ट का बेलेरिव ओवल, जिसमें लगभग 20 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है, अपने पहले एशेज टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा। 2016 के बाद से यहां यह पहला टेस्ट मैच होगा। उल्लेखनीय है कि पांचवां और आखिरी एशेज टेस्ट मैच पांच से नौ जनवरी तक खेला जाएगा।
बढ़ते कोरोना केसों के कारण पर्थ से छिनी थी मेजबानी
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने हाल ही में पुष्टि की थी कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एशेज श्रृंखला का पांचवां टेस्ट पर्थ में नहीं खेला जाएगा।
सीए ने कहा था कि जैव-सुरक्षा आवश्यकता को पूरा करने में होने वाली परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पश्चिम ऑस्ट्रेलिया (डब्ल्यूए) राज्य में नियमों के मुताबिक वहां पहुंचने के बाद खिलाड़ियों के लिए क्वारंटीन जरूरी है।
इसके लिए तस्मानिया का होबार्ट सबसे आगे चल रहा था और आज इस पर मुहर भी लग गई। क्वींसलैंड, विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स राज्यों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ने भी मैच की मेजबानी में रुचि व्यक्त की थी।
CA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक हॉकले ने कहा था, पर्थ स्टेडियम में पुरुष एशेज के पांचवें टेस्ट का आयोजन करने में असमर्थ रहने पर हम बहुत निराश हैं । हमने मौजूदा सीमा और स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत काम करने के लिए डब्ल्यूए सरकार और डब्ल्यूए क्रिकेट के साथ साझेदारी में वह सब कुछ किया जो कर सकते थे। लेकिन दुर्भाग्य से यह संभव नहीं हो सका।