नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने विवाद के बावजूद सोमवार को अपने परिसर में अपने पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की याद में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिवंगत प्रशासक और राजनेता जेटली की आदम कद प्रतिमा का अनावरण किया जिसे 96 साल के जाने माने शिल्पकार राम सुतार ने तैयार किया है।
सुतार ने ही गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भी निर्माण किया है। केंद्र सरकार में वित्त और रक्षा जैसे अहम मंत्रालय संभालने वाले जेटली का पिछले साल कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण निधन हो गया था। इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने किसी प्रेरणादायी क्रिकेटर की जगह प्रशासक की प्रतिमा लगाने का फैसला करने के लिए डीडीसीए की आलोचना की थी और मांग की थी कि फिरोजशाह कोटला मैदान की दर्शक दीर्घा से उनका नाम हटा दिया जाए।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर, बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी सहित डीडीसीए के कई अधिकारियों ने अनावरण समारोह में हिस्सा लिया।
शाह ने 13 साल तक डीडीसीए अध्यक्ष रहे जेटली को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, अरुण मेरे लिए बड़े भाई की तरह थे। राजनीतिक जगत में उन्हें उनकी खेल भावना के लिए जाना जाता है। वह अपने भाषण में आक्रामक रहते थे लेकिन कभी संसद की गरिमा को कम नहीं होने दिया।
उन्होंने कहा, अरुण ने हमेशा अपने हितों को पीछे रखा, कभी प्रचार की उम्मीद नहीं की और आपातकाल के समय उभरकर आए जब उन्होंने 19 महीने जेल में बिताए। उस समय उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने कई जिम्मेदारियां निभाईं। गांगुली ने कहा कि दिल्ली में क्रिकेट के विकास में जेटली का योगदान काफी अधिक है।
उन्होंने कहा, जब हम खेलते हैं और शतक बनाते हैं तो इसे मान्यता मिलती है लेकिन काफी लोग पर्दे के पीछे से काम करते हैं और क्रिकेटरों की मदद करते हैं। वह क्रिकेटरों के साथी थे। यह प्रशासक की भूमिका होनी चाहिए।
गांगुली ने कहा, मुझे याद है जब दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप के दौरान उनका फोन आया। हमने पहला मैच गंवा दिया था और पूरा देश हमारे खिलाफ हो गया लेकिन उन्होंने (जेटली) कहा कि संघ आपका समर्थन करता है और आप अच्छा खेले। ये छोटी चीजें मायने रखती हैं, वह शानदार इंसान थे।
उन्होंने कहा, यह काफी प्रतिभावान राज्य है जिसने इतने खिलाड़ी दिए हैं। विराट कोहली, ईशांत शर्मा, ऋषभ पंत अब और अतीत में इतने सारे क्रिकेटर। उम्मीद करते हैं कि वे ऐसा कर पाएंगे। गंभीर ने कहा कि जेटली की प्रतिमा लगना उन्हें परफेक्ट श्रद्धांजलि है।
गंभीर ने कहा, हमने उनके कार्यकाल के दौरान रणजी ट्रॉफी जीती और स्टेडियम भी बना। ईमानदारी से कहूं तो बुद्धिजीवी होना और पारदर्शिता रखना किसी भी प्रशासक के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और उनके साथ ऐसा था।(भाषा)