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लॉकडाउन के वक्त 1600 किमी की यात्रा और नेट पर 500 गेंद खेलकर स्पिन के खिलाफ बेहतर हुए Sarfaraz Khan

पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत और व्यवस्थित योजना राजकोट में Tom Hartley, Joe Root और Rehan Ahmed जैसे स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के काफी काम आई

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WD Sports Desk

, सोमवार, 19 फ़रवरी 2024 (17:42 IST)
How Sarfaraz Khan mastered spin IND vs ENG 3rd Test : सरफराज खान का अपने Debut Test में इंग्लैंड के स्पिनरों के खिलाफ दबदबा बनाना किसी तरह का संयोग नहीं है बल्कि यह अपने पिता नौशाद खान (Naushad Khan) के मार्गदर्शन में 15 साल तक प्रत्येक दिन 500 गेंद खेलने की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
 
सरफराज ने राजकोट में अपने डेब्यू टेस्ट में आत्मविश्वास से भरे दो अर्धशतक जड़कर दिखा दिया कि भारतीय टीम में उनका भविष्य उज्जवल है। इस 26 वर्षीय क्रिकेटर को अपने पिता के ‘माचो क्रिकेट क्लब’ (Macho Cricket Club) में कौशल निखारने और घरेलू क्रिकेट में वर्षों तक ढेरों रन बनाने के बाद डेब्यू का मौका मिला।
 
पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत और व्यवस्थित योजना राजकोट में Tom Hartley, Joe Root और Rehan Ahmed जैसे स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के काफी काम आई। उन्होंने विशेष रूप से Covid 19 Lockdown के दौरान कड़ी मेहनत की।
 
मुंबई के सरफराज की प्रगति को करीब से देखने वाले एक कोच ने कहा, ‘‘मुंबई में ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान पर प्रतिदिन ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों की 500 गेंद खेलने से ऐसा हो पाया।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘(कोविड) लॉकडाउन के दौरान उसने कार से 1600 किमी की यात्रा की। मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून। उसने यात्रा की और ऐसी जगहों पर खेला जहां गेंद बहुत अधिक टर्न करती है, कुछ गेंद काफी उछाल लेती हैं और कुछ नीची रहती हैं।’’

स्पिनरों के खिलाफ आसानी से कदमों का इस्तेमाल करने वाले सरफराज ने अपने कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की है।
 
सरफराज को तैयार करने का श्रेय हालांकि सिर्फ उनके पिता नौशाद (Naushad Khan) को नहीं जाता।
 
Bhuvneshwar Kumar के कोच संजय रस्तोगी, Mohammed Shami के कोच बदरूद्दीन शेख, Kuldeep Yadav के कोच कपिल देव पांडे, Gautam Gambhir के कोच संजय भारद्वाज और भारत ए के कप्तान Abhimanyu Easwaran के पिता आरपी ईश्वरन ने भी सरफराज को निखारने में कुछ ना कुछ योगदान दिया है।
 
इन सभी ने स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के नेट सत्र का आयोजन किया विशेषकर कोविड लॉकडाउन के दौरान।
 
कपिल पांडे ने पीटीआई को बताया, ‘‘लॉकडाउन के दौरान नौशाद ने मुझे फोन किया क्योंकि हम दोनों आजमगढ़ के हैं और जब मैं भारतीय नौसेना का कर्मचारी था तो मुंबई में हमने क्लब क्रिकेट खेला है। इसलिए जब वह चाहता था कि उसके बेटे को अभ्यास का मौका मिले तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने हमारी कानपुर अकादमी में कुलदीप का काफी सामना किया। उन्होंने एक साथ काफी नेट सत्र किए। मैं टी20 मुकाबलों का इंतजाम करता था क्योंकि उस सत्र में मुश्ताक अली टी20 मुख्य टूर्नामेंट था।’’
 
पांडे ने कहा, ‘‘मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़े होने के कारण स्पिन के खिलाफ सरफराज का खेल परफेक्ट है और वह अपने कदमों का अच्छा इस्तेमाल करता है।’’
 
शमी के कोच बदरूद्दीन ने भी स्पिन के खिलाफ तैयारी में सरफराज की मदद में अपनी भूमिका पर बात की।
 
बदरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, मैंने मुरादाबाद में उसकी ट्रेनिंग और नेट सत्र का इंतजाम किया। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिता और बेटे दोनों ने कड़ी मेहनत की है। मैंने हॉस्टल में उसके रुकने और कई मैच खेलने का इंतजाम किया।’’
 
नौशाद को अपने बेटों Sarfaraz Khan और U19 World Cup के स्टार Musheer Khan को ट्रेनिंग देते हुए देखने वाले एक अन्य कोच ने बताया कि दोनों खिलाड़ियों की ट्रेनिंग कितनी कड़ी होती थी।
 
कोच ने कह, ‘‘कम उम्र से ही वह सैकड़ों गेंद खेल रहा है। नौशाद ने घर में एस्ट्रो टर्फ विकेट बनाया है और जब मुंबई का मैच नहीं होता था तो सरफराज वहां तेज गेंदबाजों के खिलाफ अभ्यास करता। लेकिन जब उसे स्पिन खेलनी होती तो वह मैदान में जाते और खुले में ट्रेनिंग करते।’’
 
ऐसा लगता है कि इन सामूहिक प्रयासों के वांछित नतीजे मिल रहे हैं जो राजकोट में स्पष्ट नजर आया जहां सरफराज ने इंग्लैंड के स्पिनरों का आसानी से सामना किया।(भाषा)

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