हैदराबाद। बाल विवाह से बचाई गई हैदराबाद की 16 वर्षीय लड़की बी अनुषा क्रिकेट के मैदान में धूम मचा रही है। स्थानीय गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की मदद से रचकोंडा पुलिस ने उन्हें शहर के सरूरनगर इलाके से बचाया।
पुलिस ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में अनुषा का परिवार उनकी शादी 26 वर्षीय रिश्तेदार से करने जा रहा था लेकिन एनजीओ बालाला हाक्कुला संघम की मदद से हमने उन्हें बचाया।
रचकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने कहा कि दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस छात्रा ने खेल में रूचि दिखाई और हाल ही में मध्यप्रदेश में आयोजित इंटर स्कूल अंडर-19 क्रिकेट मैच में उन्होंने हरफनमौला खेल से सबका दिल जीता।
अनुषा इस बात की सटीक उदाहरण बन गई है कि सही प्रोत्साहन और मार्गदर्शन मिलने पर कुछ भी मुश्किल नहीं। पुलिस आयुक्त ने कहा, पुलिस विभाग अनुषा का ध्यान (केयर टेकर) रखेगी। जब तक वह अपनी शिक्षा को पूरा नहीं कर लेती, तब तक हम उसे वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि परिवार को लड़कियों और महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए और उनसे भेदभाव बंद किया जाना चाहिए। अनुषा के असाधारण प्रदर्शन पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में उसे सभी तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बाल विवाह कानून 2016 के अनुसार लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल और लड़के की 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए। जो व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है, उसके लिए कम से कम 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।