दुबई। गेंद से छेड़छाड़ पर अब छह टेस्ट या 12 वनडे तक का प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इसे लेवल तीन का अपराध बना दिया है और मैदान पर बेहतर बर्ताव सुनिश्चित करने के लिए इस सूची में अभद्रता और निजी दुर्व्यवहार को भी शामिल किया है।
डबलिन में वार्षिक सम्मेलन के अंत में वैश्विक संस्था ने मैदान पर अनुचित व्यवहार पर लगाम कसने की अपनी योजना भी पेश की। इस साल मार्च में केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों स्टीव स्मिथ , डेविड वार्नर और कैमरन बेनक्राफ्ट गेंद की स्थिति बदलने के दोषी पाए गए थे जिसके बाद गेंद से छेड़छाड़ को लेवल दो से तीन का अपराध बनाया गया।
आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा, ‘मैं और मेरे साथी बोर्ड निदेशक खेल के बेहतर बर्ताव के लिए क्रिकेट समिति और मुख्य कार्यकारियों की समिति के सिफारिशों का समर्थन करने को लेकर सर्वसम्मत थे।’
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि खिलाड़ियों और प्रशासकों रोकने के लिए कोई मजबूत कड़े नियम हो जिससे कि सुनिश्चित हो कि हमारे खेल में आचरण को लेकर शीर्ष स्तर हो।
मार्च के दौरान लागू आचार संहिता के तहत आईसीसी ने स्मिथ पर एक टेस्ट का प्रतिबंध लगाया जिसके बाद कड़ी सजा की मांग उठाने लगी। यहां तक कि पिछले महीने श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांदीमल को सेंट लूसिया में वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ के लिए एक टेस्ट के लिए प्रतिबंधित किया था।
तत्कालीन कप्तान स्मिथ को आईसीसी से कड़ी सजा नहीं मिली लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पूरे देश को झकझोरने वाले इस प्रकरण के लिए स्मिथ और वार्नर को एक-एक साल के लिए प्रतिबंधित किया जबकि बेनक्राफ्ट पर नौ महीने की रोक लगाई।
आईसीसी बोर्ड ने निजी दुर्व्यवहार (लेवल दो, तीन), सुनाई दी गई अभद्रता (लेवल एक) और अंपायर के निर्देशों का पालन नहीं करने (लेवल एक) को भी अपराधों की सूची में शामिल करने की सिफारिश की है।
आईसीसी के बयान के अनुसार अगर खिलाड़ी या सहायक स्टॉफ फैसले के खिलाफ अपील करना चाहता है तो उसे अपील फीस अग्रिम में जमा करानी होगी और अपील सफल होने पर पूरी लौटा दी जाएगी।
स्टंप माइक्रोफोन से जुड़े निर्देशों में भी बदलाव किया गया है जिससे किसी भी समय स्टंप माइक्रोफोन के आडियो का प्रसारण करने की स्वीकृति होगी, गेंद के डेड होने के बाद भी।
यहां तक कि अब संबंधित बोर्ड को भी उसके खिलाड़ियों के बर्ताव के लिए जवाबदेह बनाया जा सकता है। आईसीसी प्रबंधन अब जिंबाब्वे क्रिकेट के साथ मिलकर काम करेगा जिससे कि उसके क्रिकेट, प्रबंधन और वित्तीय ढांचे के प्रबंधन के लिए योजना तैयार की जा सके जिसकी नियमित रूप से समीक्षा होगी।
आईसीसी साथ ही श्रीलंका के खेल मंत्री के प्रतिनिधि को अपने बोर्ड और पूर्ण परिषद में पर्यवेक्षक के रूप में बैठने की स्वीकृति देने को भी राजी हो गया। आईसीसी ने हालांकि श्रीलंका क्रिकेट के चुनाव छह महीने के भीतर कराने को कहा है और ऐसा नहीं होने की स्थिति में एसएलसी की सदस्यता पर विचार किया जाएगा। (भाषा)