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अंडर-19 और महिला क्रिकेट टीम से साल 2020 में फिसला विश्वकप

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, मंगलवार, 22 दिसंबर 2020 (19:51 IST)
क्रिकेट की जब बात होती है तो ज्यादातर ध्यान पुरुष की सीनियर टीम के प्रदर्शन पर ही लगा रहता है। लेकिन जूनियर क्रिकेट टीम अर्थात अंडर -19 टीम और महिला क्रिकेटरों के प्रदर्शन को उतना बारिकी से नहीं देखा जाता। 
 
यह दो धारी तलवार की तरह साबित होता है। दोनों की ही उतनी आलोचना नहीं होती लेकिन सुर्खियों में भी दोनों ही सीनियर टीम से कम दिखाई देते हैं। हालांकि इस साल दोनों ही टीम के पास एक ऐसा सुनहरा मौका था जिसे गंवाने का गम कई समय तक रहेगा।
 
9 फरवरी 2020
 
दक्षिण अफ्रीका के पौचेफस्ट्रूम में भारत और बांग्लादेश की टीम अंडर -19 वनडे विश्वकप के फाइनल में आमने सामने थी। भारत इससे पहले 4 बार विश्वकप जीत चुका था और बांग्लादेश पहली बार विश्वकप खेल रहा था
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भारत की पारी में यशस्वी और तिलक के अलावा कोई भी बल्लेबाज करिश्मा नहीं सका। भारत की ओर से ध्रुव जुरेल ने 22, अर्थव अंकोलेकर ने 3, सुशांत मिश्रा ने 3 और रवि बिश्नोई ने 2 रन बनाए जबकि आकाश सिंह 1 रन बनाकर नाबाद रहे। बांग्लादेश की तरफ से अविषेक के अलावा शरीफुल ने 31 रन देकर और तंजीम ने 28 रन देकर दो-दो विकेट हासिल किए जबकि रकीबुल को 29 रन देकर एक विकेट मिला।बांग्लादेश ने अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत को 47.2 ओवर में 177 रन पर रोक दिया
 
पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी करने वाली भारतीय टीम ने फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन किया । छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने 50 रन की अच्छी शुरुआत की लेकिन लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने इसके बाद 4 विकेट निकालकर बांग्लादेश को झकझोर दिया। बिश्नोई ने तंजीद हसन 17, महमूदुल हसन जॉय 8, तौहीद  0 और शहादत हुसैन 1 को आउट कर भारत को मुकाबले में वापस ला दिया।
 
लेकिन मैदान पर दोबारा लौटे ओपनर परवेज हुसैन एमोन ने कप्तान अकबर अली के साथ सातवें विकेट के लिए 41 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी कर डाली। इस तरह बांग्लादेश ने गत चैंपियन भारत को डकवर्थ लुइस नियम के तहत तीन विकेट से हराकर पहली बार आईसीसी अंडर-19 विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।
 
दिलचस्प बात यह है कि भारत ने ग्रुप स्टेज पर एक भी मैच नहीं गंवाया था और सीधा फाइनल मैच हारा। इस हार को जूनियर क्रिकेटरों को पचाना मुश्किल हो गया होगा क्योंकि यह जीत के साथ एक उलटफेर भी थी।
 
8 मार्च 2020
 
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन आईसीसी महिला विश्व टी-20 का फाइनल खेला गया। भारतीय टीम पहली बार विश्वकप के फाइनल में खेल रही थी और ऑस्ट्रेलिया पांचवी बार।
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भारत को ऑस्ट्रेलिया के दोनों ओपनरों को शुरुआत में जीवनदान देने की भारी कीमत चुकानी पड़ी।ऑस्ट्रेलिया ने अपने दोनों ओपनरों एलिसा हीली (75) और बेथ मूनी (नाबाद 78) को पारी की शुरुआत में मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 20 ओवर में 4 विकेट पर 184 रन का मजबूत स्कोर बनाया। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए 185 रनों का लक्ष्य दिया था।,
 
लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ताश के पत्तों की तरह ढह गई। टीम इंडिया के टॉप-5 बल्लेबाजों ने सिर्फ 19 रन बनाए। शेफाली वर्मा 2, स्मृति मंधाना 11, तानिया भाटिया 2, जेमिमा रोड्रिग्ज 0 और हरमनप्रीत कौर 4 रन बनाकर आउट हो गईं। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मेगन शूट ने सबसे ज्यादा 4 और जेस जोनासन ने 3 विकेट लिए। कंगारू महिलाओं ने भारतीय टीम को 19.1 ओवर में 99 रन पर समेट दिया और पांचवी बार टी-20 विश्वकप अपने नाम कर लिया।अंत में भारतीय खिलाड़ी आंसुओं के सागर में डूब गईं।
 
भारत ने ग्रुप चरण के अपने पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराया था और टूर्नामेंट में उसने एक भी मैच नहीं गंवाया था लेकिन फ़ाइनल की हार भारतीय टीम को लंबे समय तक कचोटती रहेगी। (वेबदुनिया डेस्क)

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