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विराट कोहली का 41वां शतक बेकार गया, ऑस्ट्रेलिया ने जीत से वनडे सीरीज में वापसी की

हमें फॉलो करें विराट कोहली का 41वां शतक बेकार गया, ऑस्ट्रेलिया ने जीत से वनडे सीरीज में वापसी की
, शुक्रवार, 8 मार्च 2019 (22:15 IST)
रांची। विराट कोहली ने फिर से दिलकश बल्लेबाजी का नजारा पेश करके वनडे में 41वां शतक लगाया लेकिन पहले स्पिनरों की नाकामी और बाद में बाकी बल्लेबाजों की ढिलाई भारत को भारी पड़ी और उसे ऑस्ट्रेलिया के हाथों तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में शुक्रवार को यहां 32 रनों से हार का सामना करना पड़ा। 
 
कोहली ने लगातार दूसरे मैच में शतक जमाया। उन्होंने 95 गेंदों पर 123 रनों की आकर्षक पारी खेली जिसमें 16 चौके और 1 छक्का शामिल है। लेकिन उन्हें दूसरे छोर से किसी भी बल्लेबाज का सहयोग नहीं मिला और 314 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम 48.2 ओवरों में 281 रनों पर आउट हो गई। कोहली ने अपनी पारी के दौरान कप्तान के रूप में वनडे में 4,000 रन भी पूरे किए।
 
ऑस्ट्रेलिया ने 5 विकेट पर 313 रन बनाए थे। उसकी तरफ से उस्मान ख्वाजा (113 गेंदों पर 104 रन) ने वनडे में अपना पहला शतक जमाया और आरोन फिंच (99 गेंदों पर 93 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 193 रन जोड़े। ग्लेन मैक्सवेल ने भी 31 गेंदों पर 47 रन बनाकर उपयोगी योगदान दिया। मार्कस स्टोइनिस (नाबाद 31) और ऐलेक्स कैरी (नाबाद 21) ने 6ठे विकेट के लिए 50 रनों की अटूट साझेदारी की।
 
भारत पहले 2 मैचों में जीत दर्ज करके श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल करने के लिए उतरा था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैचों की श्रृंखला को जीवंत बनाए रखा। इस मैच से भारत के लिए विश्व कप से पहले शीर्ष क्रम को लेकर थोड़ी परेशानी बढ़ गई है। शिखर धवन का पिछली 10 पारियों में सर्वोच्च स्कोर 30 रन है जबकि अंबाती रायुडु भी फॉर्म से जूझ रहे हैं।
 
धवन (1) का जॉय रिचर्ड्सन (37 रन देकर 3 विकेट) की गेंद पर मैक्सवेल ने डाइव लगाकर शानदार कैच लिया जबकि पैट कमिन्स (37 रन देकर 3 विकेट) ने सपाट पिच पर भी मूवमेंट हासिल करके रोहित शर्मा (14) और रायुडु (2) को पैवेलियन की राह दिखाई जिससे भारत का स्कोर 3 विकेट पर 27 रन हो गया।
 
महेंद्र सिंह धोनी के क्रीज पर उतरते ही दर्शक उत्साह से भर गए। अपने घरेलू मैदान पर संभवत: अपना आखिरी मैच खेल रहे इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने ऑफ स्पिनर नाथन लियोन पर छक्का जड़कर अपने पुराने तेवर भी दिखाए लेकिन लेग स्पिनर एडम जंपा (70 रन देकर 3 विकेट) की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गई और जेएससीए स्टेडियम को सांप सूंघ गया।
 
धोनी ने 42 गेंदों पर 26 रन बनाए और कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए 59 रन जोड़े। कोहली पहली गेंद से ही लय में दिखे और उन्होंने फिर से बल्लेबाजी खूबसूरत पक्ष का जबर्दस्त नमूना पेश किया। ऑस्ट्रेलिया का तेज और स्पिन आक्रमण भारतीय कप्तान पर कोई असर नहीं छोड़ पाया।
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धोनी के आउट होने के बाद उन्होंने अकेले जिम्मा उठाया और कई दिलकश शॉट लगाए। स्टोइनिस पर लगाए गए उनके लगातार चौके फ्लिक और कवर ड्राइव का बेहतरीन उदाहरण थे। वे 52 गेंदों पर 50 रनों पर पहुंचे। उन्होंने केदार जाधव (26) के साथ 88 रनों की साझेदारी की। कोहली ने जाधव को विकेट बचाए रखने का निर्देश दिया था लेकिन वे जंपा की गेंद को स्वीप करने के प्रयास में गच्चा खा गए।
 
कोहली ने 85 गेंदों पर वनडे में 41वां शतक पूरा किया लेकिन भाग्य ने भी उनका साथ दिया। जब वे 98 रन पर थे तब मैक्सवेल की गेंद पर कैरी ने उनका कैच छोड़ा जबकि सैकड़ा पूरा करने के तुरंत बाद गलत टाइमिंग से लगाया गया उनका शॉट छक्के के लिए चला गया।
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वे पूरे रंग में थे लेकिन जंपा पर लगातार तीसरा चौका लगाने के प्रयास में गुगली उनको गच्चा दे गई जिससे भारतीय की जीत की उम्मीदें भी समाप्त हो गईं। विजय शंकर (32) और रवीन्द्र जडेजा (24) हार का कुछ अंतर ही कम कर पाए।
 
यह ऐसा दिन था जिसमें भारतीय स्पिनर नहीं चल पाए। जडेजा (10 ओवर में 64 रन, कोई विकेट नहीं) और जाधव (2 ओवर में 32 रन, कोई विकेट नहीं) ने खूब रन लुटाए। कुलदीप यादव (10 ओवर में 64 रन देकर 3 विकेट) ने हालांकि पारी के दूसरे चरण में 3 विकेट लेकर अपने गेंदबाजी विश्लेषण में सुधार किया।
 
ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 40 ओवरों के बाद 2 विकेट पर 244 रन था लेकिन आखिरी 10 ओवरों में वह केवल 69 रन ही बना पाया। इसका श्रेय जसप्रीत बुमराह (52 रन देकर 1 विकेट) और मोहम्मद शमी (53 रन देकर कोई विकेट नहीं) को जाता है जिन्होंने मिलकर 64 गेंदें ऐसी डालीं जिन पर रन नहीं बने।
 
भारतीय क्षेत्ररक्षण भी अच्छा नहीं रहा। धवन ने जडेजा की गेंद पर स्क्वेयर लेग पर ख्वाजा का कैच छोड़ा। तब वे 17 रनों पर खेल रहे थे। कोहली, जाधव और बुमराह ने भी ढीला क्षेत्ररक्षण किया जिससे बल्लेबाजों पर से दबाव कम हुआ।
 
शमी भी 3 ओवर करने के बाद चोटिल हो गए और उन्होंने कुछ देर के लिए मैदान छोड़ा और इससे भी बल्लेबाजों पर से दबाव कम हुआ। फिंच और ख्वाजा ने इस बीच तीनों स्पिनरों को अच्छी तरह से खेला। फिंच ने जाधव को निशाना बनाया और अपने तीनों छक्के लांग ऑन और मिडविकेट क्षेत्र में लगाए। विजय शंकर (8 ओवर में 44 रन देकर कोई विकेट नहीं) ने ऐसे में अच्छी जिम्मेदारी निभाई।
 
जडेजा भी सपाट विकेट पर प्रभावी नहीं दिखे। ख्वाजा और फिंच के बाद मैक्सवेल ने भी स्पिनरों का सामना करने के लिए अपने फ्रंट फुट का अच्छा इस्तेमाल किया। कुलदीप ने फिंच को पगबाधा आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद उन्होंने अपने 1 ओवर में शान मार्श (7) और पीटर हैंड्सकोम्ब (0) को भी पैवेलियन भेजा। (भाषा)

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