रांची। डीआरएस विवाद के केंद्र बिंदु रहे ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ (नाबाद 117) ने तमाम विवादों को पीछे छोड़ते हुए भारत के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन गुरूवार को शानदार शतक जड़ दिया और ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल(नाबाद 82) के साथ 159 रन की अविजित साझेदारी करते हुए अपनी टीम को चार विकेट पर 299 रन के मजबूत स्कोर पर पहुंचा दिया।
विश्व के नंबर एक बल्लेबाज स्मिथ और मैक्सवेल ने पांचवे विकेट के लिए 47.4 ओवर में 159 रन की बेहतरीन अविजित साझेदारी की। स्मिथ ने अपने करियर का 19वां शतक जड़ा और इसके साथ ही अपने 5000 टेस्ट रन 53वें मैच में पूरे कर लिए। स्मिथ की कप्तानी पारी ने ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट पर 140 रन की नाजुक स्थिति से उबार लिया।
स्मिथ के जोड़ीदार मैक्सवेल ने अपने करियर का पहला अर्धशतक और सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी बना लिया। मैक्सवेल ने इससे पहले तीन टेस्टों में मात्र 80 रन बनाए थे और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 37 रन था। लेकिन मैक्सवेल अब अपने कुल टेस्ट स्कोर से ही आगे निकल गए हैं।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने 244 गेंदों पर नाबाद 117 रन में 13 चौके लगाए जबकि मैक्सवेल ने 147 गेंदों पर नाबाद 82 रन में पांच चाैके अौर दो छक्के लगाए। स्मिथ का इस सीरीज में यह दूसरा शतक है। वह इसके साथ ही भारत में एक सीरीज में दो या उससे ज्यादा शतक लगाने वाले तीसरे कप्तान बन गए हैं। वेस्टइंडीज के क्लाइव लाएड ने भारतीय जमीन पर दो बार और इंग्लैंड के एलेस्टेयर कुक ने एक बार यह कारनामा किया है।
स्मिथ और मैक्सवेल के बीच पांचवें विकेट की यह साझेदारी भारतीय जमीन पर इस विकेट के लिए ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी साझेदारी बन गई है। माइकल क्लार्क और मैथ्यू वेड ने मार्च 2013 में पांचवें विकेट के लिए 145 रन जोड़े थे लेकिन स्मिथ और मैक्सवेल अब इससे आगे निकल गए हैं।
स्मिथ ने रांची के जेएससीए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पहली बार आयोजित हो रहे टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने सुबह के सत्र में लंच तक 109 रन पर तीन अहम विकेट गंवाए लेकिन स्मिथ ने एक छोर संभालकर खेलते हुए दिन की समाप्ति तक विश्व की दूसरे नंबर की टीम ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
भारतीय गेंदबाजों ने सुबह के सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया और तीन विकेट निकाले। भारत ने लंच के बाद चौथा विकेट भी निकाल लिया लेकिन इसके बाद शेष समय भारतीय गेंदबाज स्मिथ और मैक्सवेल की दृढ़ता के सामने संघर्ष करते रहे। रांची की जिस पिच के लिए काफी हाय तौबा मचाई गई थी कि यह पहली गेंद से ही टर्न लेने लगेगी उस पिच में ऐसा कुछ नहीं था जिससे भारतीय स्पिनरों को कोई खास मदद मिल सके।
ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरूआत ठीक ठाक रही। ओपनरों मैट रेनशॉ और डेविड वॉर्नर ने पहले विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी की। लेकिन इसके बाद 39 रन के अंतराल में वॉर्नर 19, रेनशॉ 44 रन और शॉन मार्श मात्र दो रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज बन गए भारतीय स्पिनरों की जोड़ी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने एक-एक विकेट निकाला जबकि तेज गेंदबाज उमेश यादव ने भी एक विकेट हासिल किया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सुबह सहजता के साथ रन बनाने शुरू किए अौर 9.4 ओवर में पहले विकेट के लिए ओपनरों रेनशॉ तथा वॉर्नर ने 50 रन की महत्वपूर्ण अर्धशतकीय साझेदारी कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। ईशांत की गेंद पर रेनशॉ ने काफी आसानी से और खुलकर रन बनाए जिसके बाद कप्तान विराट कोहली को सातवें ओवर में अश्विन को गेंद थमानी पड़ी।
वॉर्नर और रेनशॉ ने प्रति ओवर पांच रन के हिसाब से स्कोर किया और 10वां ओवर पूरा होने से पहले ही अपने 50 रन पूरे कर लिए। लेकिन फिर वॉर्नर 10वें ओवर की तीसरी गेंद पर चौका लगाने के बाद अपनी अगली ही गेंद पर फिर से बड़ा शॉन खेलने के प्रयास में जडेजा के पहले ही ओवर में गेंदबाज के हाथों लपके गए। वॉर्नर ने फुलटॉस गेंद पर वापिस जडेजा को कैच थमा दिया। अब तक अश्विन का शिकार बनने वाले वॉर्नर इस बार जडेजा का शिकार बने।
वॉर्नर 26 गेंदों में दो चौके लगाकर 19 रन ही बना सके और मौजूदा सीरीज में एक बार फिर बड़ी पारी खेलने से चूक गए। हालांकि रेनशॉ ने दूसरे छोर पर रन बनाने का प्रयास जारी रखा और 69 गेंदों में सात चौके लगाकर 44 रन बनाए। वह लेकिन अपने अर्धशतक से मात्र छह रन ही दूर थे कि तेज गेंदबाज यादव ने कप्तान विराट के हाथों उन्हें पहले स्लिप में कैच कराकर दूसरी बड़ी सफलता हासिल कर ली। रेनशॉ ने कप्तान स्मिथ के साथ दूसरे विकेट के लिए 30 रन जोड़े।
ऑस्ट्रेलिया अपने स्कोर में केवल नौ रन का ही इजाफा कर सके थे कि मेजबान टीम को उसकी लंच से पहले तीसरी सफलता शॉन मार्श के रूप में मिल गई। शॉन को पुजारा ने अश्विन की गेंद पर शॉर्ट लेग पर लपका। हालांकि पहले अंपायर ने आउट की इस अपील को खारिज कर दिया, जिसपर विराट ने रिव्यू की मांग की जिसमें साफ हो गया कि गेंद का बल्ले के साथ भी संपर्क हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया ने 89 रन पर ही अपने तीन अहम विकेट गंवा दिए जिसके बाद कप्तान स्मिथ ने पीटर हैंड्सकोंब के साथ मिलकर टीम को 100 के पार पहुंचाया और लंच तक फिर कोई और विकेट नहीं गिरने दिया। लंच के समय स्मिथ 34 रन और हैंड्सकोंब छह रन पर नाबाद थे।
लंच के बाद भारत को चौथी सफलता उस समय हाथ लगी जब यादव की एक लगभग यॉर्कर गेंद हैंड्सकोंब के जूते से टकराई और अंपायर ने उन्हें पगबाधा करार दिया। ऑस्ट्रेलिया का चौथा विकेट 140 के स्कोर पर गिर गया। हैंड्सकोंब ने 47 गेंदों पर 19 रन में दो चौके लगाए।
अपना चौथा टेस्ट खेलने उतरे मैक्सवेल ने शुरुआत में लड़खड़ाहट दिखाई लेकिन फिर वह जमकर अपने कप्तान के साथ खेलते रहे। पिच से दोनों भारतीय स्पिनरों को कोई मदद नहीं मिल रही थी और दोनों ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बिना किसी परेशानी के खेलते हुए टीम के स्कोर को चायकाल तक चार विकेट पर 194 रन तक ले गए।
स्मिथ ने अपनी पारी को 76वां रन बनाने के साथ 53वें टेस्ट और 97 पारियों में 5000 रन पूरे कर लिए। वह इस तरह सबसे तेज 5000 रन बनाने वाले संयुक्त रूप से सातवें बल्लेबाज बन गए। स्मिथ जहां विकेट पर टिक चुके थे वहीं उसके प्रतिद्वंद्वी कप्तान विराट फील्डिंग करते समय कंधे में चोट खाकर पवेलियन लौट गए। विराट ने सीमा रेखा के पास एक गेंद को रोकने की कोशिश की और कंधे के बल गिर गए जिससे उनके कंधे में चोट आ गई।
मैक्सवेल को 57वें ओवर में जीवनदान मिला जब तेज गेंदबाज ईशांत ने उनके खिलाफ पगबाधा की अपील की लेकिन अंपायर ने उन्हें नाटआउट दिया। भारत ने इसके लिए रिव्यू लिया जिसमें पता चला कि यह नो बॉल थी और भारत मैक्सवेल के अहम विकेट से चूक गया। मैक्सवेल ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाकर करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेल डाली।
स्मिथ ने चायकाल के बाद अपना शतक 227 गेंदों में पूरा कर लिया। भारत ने दूसरी नई गेंद 87वें ओवर में ली लेकिन इसका दोनों बल्लेबाजों पर कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने शेष चार ओवर बिना किसी नुकसान के निकाल दिए। यादव ने 63 रन पर दो विकेट, अश्विन ने 78 रन पर एक विकेट और जडेजा ने 80 रन पर एक विकेट लिया। (वार्ता)