सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के चोटिल तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने मौजूदा सीरीज में चल रही छींटाकशी को हवा देते हुए कहा है कि भारतीय टीम मेहमान टीम से बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी को हारने से डरती है और इसीलिए मैदान पर उसकी ओर से ज्यादा वाद-विवाद किया जा रहा है।
बेंगलुरु में दूसरे टेस्ट में चोटिल होने के बाद स्टार्क स्वदेश लौट गए थे। उन्होंने कहा कि पुणे में मिली अप्रत्याशित हार भारत के डर का ही नतीजा थी। स्टार्क ने कहा कि हमारी टीम भारत दौरे पर लड़ने के इरादे से नहीं गई थी। लेकिन मेजबान टीम की ओर से अधिक छींटाकशी की गई। सीरीज से पहले ही इसे लेकर बहुत हो हल्ला पैदा कर दिया गया था। लेकिन हम वैसा ही खेल रहे हैं जैसा कि हमेशा खेलते हैं।
तेज गेंदबाज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की टीम में युवा खिलाड़ी हैं और सभी फिलहाल अपनी दिशा तलाश रहे हैं। हम अभी भी एक-दूसरे के खेल को समझने की कोशिश कर रहे हैं। टीम ने दिखा दिया है कि वे कैसा क्रिकेट खेलती है खासतौर पर जैसी बल्लेबाजी रांची में हमने की वह कमाल थी। हमारी टीम के कुछ खिलाड़ियों खासकर पीटर हैंड्सकोंब ने तो जबरदस्त प्रदर्शन किया।
भारत दौरे पर शुरुआती दोनों मैचों टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे स्टार्क ने कहा कि भारत हमसे अपनी ही जमीन पर हारने से डरता है। इसलिए वह रक्षात्मक खेलने का प्रयास कर रहा है। हालांकि उन्होंने दूसरे मैच में अच्छा खेला और वापसी कर ली। लेकिन मुझे लगता है कि हम जीत सकते हैं और हमने अब तक सीरीज में यह साबित भी किया है।
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने साथ ही अपने पैर की चोट को लेकर साफ किया कि यह अब गंभीर नहीं है और वे जिम जाकर खुद को वापसी के लिय तैयार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे खुद को चैंपियंस ट्राफी तक तैयार कर लेंगे। (वार्ता)