मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के होलकर स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा और अंतिम टेस्ट 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है लेकिन इंदौरियंस ने इस टेस्ट को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का रंग दे दिया है। क्रिकेट के दीवाने पहली बार इंदौर में होने जा रहे इस टेस्ट मैच के लिए इतने बेताब हैं कि उन्होंने टिकट के लिए लाठियां तक खाईं... तीन दिन टिकट बिक्री के लिए रखे थे और सोमवार को यह आलम था कि 26 हजार दर्शक क्षमता वाले होलकर स्टेडियम के पैवेलियन की 800 और छात्रों के लिए रियायती दर की केवल 500 टिकटें ही शेष बची थीं। महिलाओं के लिए अलग से स्टैंड रहेगा जिसकी सिर्फ 58 टिकटें बेची जानी शेष हैं।
कुल मिलाकर भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने जा रहे इस टेस्ट मैच को लेकर क्रिकेटप्रेमियों का उत्साह हिलोरें मार रहा है। चूंकि भारत कोलकाता टेस्ट के साथ ही 3 मैचों की यह सीरीज 2-0 से पहले ही जीत चुका है, इसके बाद भी दर्शकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है। वनडे मैचों की तर्ज पर सुबह बेचे जाने वाले टिकटों के लिए रात से ही लंबी लाइनें लग गई थीं और लोगों ने 'रतजगा' करके टिकट खरीदे। अंतिम दिन भी सुबह 7 बजे से टिकट की लाइनें देखी गईं। कई क्रिकेट दीवाने तो शाम 4 बजे दोनों टिकट द्वार बंद होने के बाद भी आसपास मंडराते नजर आए।
मैच का टिकट बना 'स्टेटस सिंबल' : दरअसल, इंदौरियंस की एक खासियत है...जब भी यहां कोई एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच होता है तो क्रिकेटप्रेमियों में टिकट को लेकर अजीबोगरीब उन्माद पैदा हो जाता है और जो लोग 26 हजार दर्शक क्षमता वाले स्टेडियम में प्रवेश पाने का हक प्राप्त कर लेते हैं, वे समझते हैं कि उनके पास मैच का नहीं लॉटरी का टिकट निकल आया हो...। इंदौर में स्टेडियम में जाकर मैच देखना एक तरह से 'स्टेटस सिंबल' बन गया है।
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इसलिए खुश है कि यहां के लोग इस टेस्ट मैच को वनडे इंटरनेशनल की तरह ले रहे हैं। इसमें भी कोई शक नहीं कि मैदान पर खेल में जो होगा, सो होगा दर्शक स्टेडियम में पहुंचना ही गर्व की बात मानते हैं और मोबाइल से सेल्फी लेकर उसे सोशल मीडिया पर डालने की जुगत में रहते हैं ताकि वे साबित कर सकें कि वे दूसरों से कहीं ज्यादा भाग्यशाली हैं।
नकली टिकट वाले रहें सावधान : होलकर स्टेडियम में पिछले वनडे मैचों के दौरान नकली टिकटों की शिकायत मिली थी लेकिन इस बार ये हरकत करने वाले अभी से सावधान हो जाएं, क्योंकि एमपीसीए ने दो अत्याधुनिक मशीनें लगाई हैं, जो टिकिट पर अंकित 'बारकोड' पढ़ने में मदद करेंगी। ये मशीनें सिर्फ पैवेलियन के टिकटधारियों के लिए रहेंगी। जिन लोगों के पास पैवेलियन का टिकट है, उनका टिकट इस मशीन में डलेगा और उसके बाद ही उसके प्रवेश द्वार खुलेंगे। यदि किसी के पास नकली टिकट है तो मशीन के द्वार नहीं खुलेंगे और टिकिटधारी पकड़ा जाएगा। कानपुर टेस्ट में यह मशीने किराए पर लेकर लगाई गई थी जबकि एमपीसीए ने इन मशीनों को खरीद ही लिया है।
कनमड़ीकर और भार्गव ने ली टिकट की जानकारी : सोमवार शाम तक होलकर स्टेडियम की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। मैदान से लेकर बाहर के मेन गेट तक सभी कर्मचारी दिल से अपने कार्य को अंजाम देने में लगे हुए थे। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव मिलिंद कनमड़ीकर और पूर्व सचिव एमके भार्गव ने देर शाम विवेकानंद स्कूल और नरेन्द्र हिरवानी गेट से प्रवेश करके टिकट खिड़की तक पहुंचने वालों का जायजा लेने के साथ ही यह भी जानकारी ली कि टेस्ट मैच के कितने टिकट अब बचे हैं।
दर्शक नहीं पहुंच पाएंगे टीमों की बस तक : अब तक होता यह आया है कि मैच खत्म होने के बाद टीमें चार्डर्ड बस से जब वापस अपने होटल जाती हैं, तब पैवेलियन लॉबी में दर्शक उनके करीब पहुंचने के लिए धक्कमपेल करते थे और पुलिसकर्मियों को उन्हें रोकने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। एमपीसीए ने लॉबी में ग्रिल लगा दी है ताकि दर्शक खिलाड़ियों तक नहीं पहुंच सकेंगे। यही नहीं, वहां लगी दीवार पर बंदर की तरह लटककर खिलाड़ियों की एक झलक पाने वाले लोगों की मंशा पर भी पानी फिर गया है क्योंकि वहां की खाली जगह को शीट से कवर कर दिया गया है।
पिच क्यूरेटर समंदर सिंह की असली परीक्षा : चूंकि बीसीसीआई ने पहली बार मध्यप्रदेश को टेस्ट मैच की जिम्मेदारी सौंपी है, लिहाजा पिच क्यूरेटर समंदर सिंह की असली परीक्षा की घड़ी है। उनके द्वारा तैयार किए गए पिच पर पांच दिन एक जैसा खेल होना चाहिए। हालांकि विकेट तैयार करने के लिए समंदर और उनकी टीम लंबे समय से लगी हुई है। मैदान को तैयार करने में 20 लोग लगे हैं जबकि मैच के आते-आते यह संख्या 60 हो जाएगी। सेंट्रल जोन पिच कमेटी के मुखिया तापोश चटर्जी रविवार से समंदर के साथ हैं और देर शाम तक मोर्चे पर डटे नजर आए। बीसीसीआई पिच कमेटी के प्रमुख दलजीत सिंह भी यहां पहुंचकर पिच का मुआयना करेंगे।
ओमप्रकार सोनी को लगाया स्पेशल ड्यूटी पर : पैवेलियन छोर पर साइड स्क्रीन के ठीक सामने लगी कुर्सी पर बालाजी सिक्यूरिटी के ओमप्रकाश सोनी नजर आए, जिन्हें स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया गया है। उनका काम पूरे मैदान पर नजर रखना है ताकि कोई अवांछित तत्व विकेट तक नहीं पहुंच सके। सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक उन्हें अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना पड़ता है।
पूरे मैदान पर छिड़की क्लोरोपायरी फास्ट : होलकर स्टेडियम का मैदान इस तरह लग रहा है, जैसे मानों किसी ने उस पर हरा गलीचा डाल दिया हो। इस गलीचे पर चलने के बाद लगा कि दोनों ही टीमों को यह मैदान बहुत पसंद आएगा और भविष्ट में भी एमपीसीए को टेस्ट स्थल का दर्जा मिल जाएगा। सोमवार की शाम को पूरे मैदान पर मशीन के माध्यम से क्लोरोपायरी फास्ट दवाई का छिड़काव किया जा रहा था ताकि घास के कीड़े मारे जा सकें। क्लोरोपायरी फास्ट का असर चींटी और दीमक पर भी लंबे समय तक रहता है।
संभावना 'प्रतिदिन' टिकट देने की : मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने ऑनलाइन टिकट के अलावा अन्य टिकट स्टेडियम से बेचे जाने के लिए 3 दिन निर्धारित किए थे। अब जो टिकटें बच गई हैं, संभवत: उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से बेचा जा सकता है। इस बारे में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन देर रात निर्णय लेगा।
मैच रैफरी बॉक्स को अंतिम रूप : भारत और न्यूजीलैंड टेस्ट के लिए मैच रैफरी बॉक्स की साज-सज्जा को भी अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा था। यही नहीं, स्टेडियम की सभी 26 हजार सीटों की साफ-सफाई का काम भी पूरा हो चुका था तथा विभिन्न प्रायोजकों द्वारा पैवेलियन तथा दर्शक दीर्घा में विज्ञापन होर्डिंग्स भी लगा दिए गए थे। कल इंदौर में बारिश हुई थी, जिसके कारण पूरे मैदान को कवर्स से ढंक दिया गया था। आज आसमान साफ था और तेज धूप खिली। सुबह 10 बजे बाद इन कवर्स को हटाया गया। शाम को मैदान के सूखे हुए हिस्से पर पानी का हलका छिड़काव भी किया गया।
इंदौर टेस्ट मैच बना आकर्षण का केंद्र : यूं देखा जाए तो आप खाली पड़े होलकर स्टेडियम में भी जाएंगे तो स्टेडियम की खूबसूरती को आंखों में बसा लेने का मन करेगा लेकिन मैच के दौरान यहां पर क्रिकेट के रोमांच को देखने का अलग लुत्फ है। भारत-न्यूजीलैंड के मैच का आकर्षण इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि बीसीसीआई ने पहली बार एमपीसीए के कंधों पर यह जिम्मेदारी डाली है और पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले की पूरी टीम इसे सफल बनाने में दिन-रात जुटी हुई है। दर्शकों में भी मैच को लेकर काफी उत्साह है। यही कारण है कि क्रिकेटप्रेमी सुबह से लेकर देर शाम तक स्टेडियम के आसपास मंडराते रहे...
टेस्ट मैच इसलिए रहेगा सफल : भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच के सफल होने का एक कारण यह भी है कि एक दिन को छोड़कर शेष चार दिन छुट्टियों के हैं। 8 अक्टूबर को पहले दिन शनिवार है, 9 को रविवार का अवकाश, 10 को कार्य दिवस, 11 को दशहरे की छुट्टी और 12 को मोहर्रम का अवकाश है। स्कूल कॉलेजों मं तो यूं भी छुट्टियां रहेंगी, लिहाजा छात्र वर्ग खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाता हुआ नजर आएगा। (सभी चित्र : सीमान्त सुवीर)