नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि स्पिनर ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच 3 मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज का भाग्य तय करेंगे जिसका पहला मैच 22 सितंबर से कानपुर में शुरू होगा।
गंभीर ने चेताया कि घरेलू टीम न्यूजीलैंड को हल्के में नहीं लें, क्योंकि दोनों ही देशों ने अपनी टीमों में अच्छे स्पिनरों को शामिल किया है और इन गेंदबाजों के श्रृंखला में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
गंभीर ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि न्यूजीलैंड की टीम हमेशा ही छुपी रुस्तम की तरह रही है, कोई भी उन्हें ऊंचा करके नहीं आंकता है लेकिन उन्होंने हमेशा ही हर तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी टीम अच्छी है। उनके पास 3 स्पिनर (मिशेल सैंटनर, ईश सोढ़ी और मार्क क्रेग) शामिल हैं और जिस भी टीम के स्पिनर अच्छी गेंदबाजी करेंगे, उसी से श्रृंखला के नतीजे का फैसला होगा।
गंभीर ने हाल में समाप्त हुई दलीप ट्रॉफी में इंडिया ब्लू की अगुवाई करते हुए उसे आसानी से खिताब दिलाया, साथ ही प्रत्येक पारी 80 रन के औसत से 320 रन भी जुटाए। लेकिन बल्ले से अच्छे प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं ने न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए 15 सदस्यीय टीम चुनते हुए फिर से उनकी अनदेखी की।
गंभीर से इसके बारे में पूछने पर इस आक्रामक बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं चयन के लिए नहीं खेलता। मेरा काम रन जुटाना है और मैं इसी पर अपना ध्यान लगाता हूं।
उन्होंने कहा कि आपको मैदान पर जाकर सिर्फ उन्हीं चीजों पर नियंत्रण करना चाहिए जिन पर आप नियंत्रण कर सकते हो, बाकी चयनकर्ताओं का काम है। चयनकर्ता जो भी फैसला करते हैं, वो उनकी राय होती है। मेरा काम अपनी टीम को जीत दिलाना है। गंभीर ने साथ ही दोहराया कि वे टेस्ट क्रिकेट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ के पक्ष में नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से मानता हूं कि दर्शकों को आकर्षित करने के लिए हमें लाल गेंद के बजाय गुलाबी गेंद से खेलने की जरूरत नहीं है, ऐसा तब करना चाहिए, जब आपको लगे कि लाल गेंद से परिणाम नहीं मिल रहे।
उन्होंने कहा कि आजकल हमें टेस्ट मैच ड्रॉ होते हुए काफी कम दिख रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट पारंपरिक प्रारूप है और इसे ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। आप टी-20 और वनडे में गुलाबी गेंद से प्रयोग कर सकते हो, इसमें कोई नुकसान नहीं है। (भाषा)