नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम का दक्षिण अफ्रीका के डरबन के किंग्समीड मैदान में मेजबान टीम के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में बेशक रिकॉर्ड अच्छा न रहा हो लेकिन टीम वनडे में पिछले लगभग दो साल के अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत लगातार नौंवी सीरीज जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी।
भारत को दक्षिण अफ्रीका से छह वनडे की सीरीज खेलनी है, जिसका पहला मैच डरबन में 1 फरवरी को खेला जाएगा। भारत को इससे पहले मेजबान टीम से टेस्ट सीरीज में 1-2 से पराजय का सामना करना पड़ा था। भारत ने दक्षिण अफ्रीका से जोहानसबर्ग में तीसरा टेस्ट जीतकर अपना मनोबल ऊंचा कर लिया है।
भारत ने जून 2016 से अब तक लगातार आठ वनडे सीरीज जीती हैं। हालांकि टीम इंडिया को पिछले वर्ष इंग्लैंड में चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा था लेकिन यह बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। जहां तक द्विपक्षीय सीरीज की बात है तो भारत ने अपनी पिछली आठ सीरीज में जिम्बाब्वे को 3-0 से, न्यूजीलैंड को 3-2 से, इंग्लैंड को 2-1 से, वेस्टइंडीज को 3-1 से, श्रीलंका को 5-0 से, ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से, न्यूजीलैंड को 2-1 से और श्रीलंका को 2-1 से हराया है।
भारत को अपनी जमीन पर दक्षिण अफ्रीका से अक्टूबर 2015 में पांच मैचों की सीरीज में 2-3 से और आस्ट्रेलिया में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उसके बाद से वनडे में भारत का विजयरथ सरपट दौड़ रहा है।
भारत का डरबन के जिस किंग्समीड मैदान में दक्षिण अफ्रीका से पहले वनडे में मुकाबला होना है, उस मैदान पर अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट की शुरुआत इन दोनों मैचों के बीच 17 दिसंबर 1992 को हुए वनडे से हुई थी। यह एकदिवसीय इतिहास का 783वां मैच था।
डरबन में भारत का वनडे रिकॉर्ड मेजबान के खिलाफ अच्छा नहीं रहा। यहां उसने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले सभी एकदिवसीय मैच हारे। हालांकि 2003 के विश्व कप में भारत ने इस मैदान पर इंग्लैंड और केन्या के खिलाफ खेले गए मैच में जीत हासिल की थी।
भारत तब विश्व कप के फाइनल में पहुंचा था। भारत ने उस विश्व कप में सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड को 26 फरवरी को 82 रन से और केन्या को 20 मार्च को सेमीफाइनल में 91 रन से पराजित किया था। (वार्ता)