केपटाउन। स्टार बल्लेबाजों के शर्मनाक समर्पण ने तेज गेंदबाजों की ऐतिहासिक मेहनत पर पानी फेर दिया और भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे ही दिन सोमवार को 72 रन से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम 208 रन के लक्ष्य के सामने 42.4 ओवर में 135 रन पर ही ढेर हो गई। आज मैच में कुल 200 रन बने और 18 विकेट गिरे।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका को दूसरी पारी में 41.2 ओवर में 130 रन पर ढेर कर शानदार मौका बनाया था, लेकिन स्टार भारतीय बल्लेबाजों ने इस मौके को दोनों हाथों से लुटा दिया। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज वेर्नोन फिलेंडर ने 15.4 ओवर की घातक गेंदबाजी में 42 रन देकर छह विकेट झटक लिए। मोर्ने मर्केल ने 39 रन पर दो विकेट और कैगिसो रबादा ने 41 रन पर दो विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका ने इस तरह तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली।
भारतीय बल्लेबाजों का यह ऐसा शर्मनाक प्रदर्शन था जिसे लंबे समय तक विश्व की नंबर एक टीम का कोई खिलाड़ी भुला नहीं पाएगा। दक्षिण अफ्रीका ने अपने तेज गेंदबाजों के दमखम को एक बार फिर साबित करते हुए इस मैच को तीन दिन के अंदर ही जीत लिया।
हालांकि मैच चौथे दिन जाकर समाप्त हुआ, लेकिन टेस्ट का तीसरा दिन बारिश के कारण धुल गया था। इस हिसाब से मैच तीन दिन के अंदर ही समाप्त हो गया। दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले जिम्बाब्वे से चार दिन का टेस्ट दो दिन के अंदर जीता था।
भारतीय बल्लेबाजी का आलम यह रहा कि आठवें नंबर के बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन ने सर्वाधिक 37 रन बनाए। अश्विन ने 81 मिनट क्रीज पर रहकर 53 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए। शिखर धवन 16, मुरली विजय 13, चेतेश्वर पुजारा चार, कप्तान विराट कोहली 28, रोहित शर्मा 10, हार्दिक पांड्या एक और रिद्धिमान साहा आठ रन बनाकर आउट हुए। भुवनेश्वर कुमार 13 रन पर नाबाद रहे।
अश्विन और भुवनेश्वर ने आठवें विकेट के लिए 49 रन की साझेदारी कर कुछ उम्मीद जगाई, लेकिन फिलेंडर ने 43वें ओवर की पहली ही गेंद पर अश्विन, तीसरी गेंद पर मोहम्मद शमी (4) और चौथी गेंद पर जसप्रीत बुमराह (शून्य) को आउट कर भारतीय पारी समेट दी। उन्होंने चार गेंदों के अंतराल में तीन विकेट झटक लिए।
फिलेंडर के करियर में एक पारी में पांच विकेट लेने का यह 12वां मौका था। उन्होंने मैच में कुल नौ विकेट हासिल किए। फिलेंडर ने विजय, विराट, रोहित, अश्विन, शमी और बुमराह को अपना शिकार बनाया। मर्केल ने शिखर और पुजारा के विकेट झटके जबकि रबादा ने साहा और पांड्या को आउट किया।
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत की और पहले विकेट के लिए 30 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद भारत ने नौ रन के अंतराल में तीन विकेट गंवा दिए। विराट ने रोहित के साथ चौथे विकेट के लिए 32 रन की साझेदारी की, लेकिन फिलेंडर ने विराट को पगबाधा कर जैसे ही इस साझेदारी को तोड़ा, उसके बाद तो भारत की हार तय हो गई।
भारत के सात विकेट 82 रन पर गिर चुके थे और अश्विन के संघर्ष से ही भारत 135 रन तक पहुंच सका। भारतीय टीम पूरे दो सत्र भी नहीं खेल पाई और लंच के बाद खेलते हुए वह आखिरी सत्र में एक घंटे के अंदर निपट गई। इससे पहले भारतीय तेज गेंदबाजों बुमराह, शमी, भुवनेश्वर और पांड्या ने दक्षिण अफ्रीका को दूसरी पारी में 41.2 ओवर में मात्र 130 रन पर ढेर कर दिया था लेकिन उनकी मेहनत पर बल्लेबाजों ने पानी फेर दिया।
चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट पर 65 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। दक्षिण अफ्रीका के शेष आठ विकेट मात्र 65 रन जोड़कर गिर गए। पदार्पण टेस्ट खेल रहे बुमराह ने 11.2 ओवर में 39 रन पर तीन विकेट, शमी ने 12 ओवर में 28 रन पर तीन विकेट, भुवनेश्वर ने 11 ओवर में 33 रन पर दो विकेट और पांड्या ने छह ओवर में 27 रन पर दो विकेट हासिल किए।
बुमराह ने एबी डीविलियर्स को भुवनेश्वर के हाथों कैच कराकर दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी 41.2 ओवर में 130 रन पर समेट दी। डीविलियर्स ने 107 मिनट क्रीज पर रहकर 50 गेंदों का सामना किया और 35 रन में दो चौके और दो छक्के लगाए।
दक्षिण अफ्रीका ने सुबह जब खेलना शुरु किया तो नाइटवाचमैन कैगिसो रबादा दो और हाशिम अमला चार रन पर नाबाद थे। दक्षिण अफ्रीका ने अपना तीसरा विकेट 66 के स्कोर पर गंवाया। शमी ने अमला (4) को रोहित शर्मा के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई। शमी ने इसके बाद रबादा (5) को भी कप्तान विराट कोहली के हाथों कैच करा दिया और मेजबान टीम को चौथा झटका दे डाला।
अमला और रबादा के आउट होते ही दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज एक के बाद एक पैवेलियन लौटते रहे। कप्तान फाफ डू प्लेसिस खाता खोले बिना बुमराह की गेंद पर विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को कैच थमा बैठे। क्विंटन डीकॉक का भी यही हाल हुआ। कॉक ने आठ रन बनाए और बुमराह की गेंद पर साहा को कैच दे बैठे।
दक्षिण अफ्रीका ने अपने 92 रन तक आते-आते अपने छह बल्लेबाजों को गंवा दिया और निचले क्रम के बल्लेबाज भी कुछ खास नहीं कर सके। वर्नोन फिलेंडर 17 मिनट तक क्रीज पर गुजारने के बाद 10 गेंदों में बिना कोई रन बनाए शमी की गेंद पर पगबाधा करार दिए गए। फिलेंडर का विकेट 95 के स्कोर पर गिरा।
केशव महाराज (15) ने डीविलियर्स के साथ आठवें विकेट के लिए 27 रन की साझेदारी की, लेकिन भुवनेश्वर ने महाराज को साहा के हाथों कैच कराकर इस साझेदारी का अंत कर दिया। महाराज ने 21 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 15 रन बनाए। भुवी ने मर्केल (2) को साहा के हाथों लपकवाया। इसके बाद बुमराह ने डीविलियर्स को भुवनेश्वर के हाथों कैच कराकर मेजबान टीम की पारी को 130 रन पर समेट दिया। (वार्ता)