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जडेजा और सुंदर की शानदार पारियों से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथा टेस्ट ड्रॉ कराया

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WD Sports Desk

, सोमवार, 28 जुलाई 2025 (06:14 IST)
वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा अपनी नाबाद शतकीय पारियों के दौरान दो से अधिक सत्र तक बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में रविवार को यहां पांचवें दिन भारत को हार के कगार से वापसी कराकर ऐतिहासिक ड्रॉ हासिल करने में सफल रहे। पांच मैचों की इस करीबी श्रृंखला में इंग्लैंड अब भी 2-1 से आगे है लेकिन तीन दिन (31 जुलाई) के बाद से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट में अब भारत के पास श्रृंखला को बराबर करने का मौका होगा।
 
पहली पारी में 311 रन से पिछड़ने के बाद भारत ने दूसरी पारी में बिना कोई रन बनाये दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद बल्लेबाजों ने मजबूत दृढ़ संकल्प दिखाया और अनुकूल परिणाम हासिल किया।
 
मैच में भारत की वापसी का श्रेय कप्तान शुभमन गिल (238 गेंदों में 103 रन) और लोकेश राहुल (230 गेंदों में 90 रन) के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 188 रन की साझेदारी के साथ  जडेजा (185 गेंदों में 107 रन नाबाद) और सुंदर (206 गेंदों में 101 रन नाबाद) के प्रयासों को जाता है।
 
जडेजा और सुंदर ने पांचवें विकेट के लिए 203 रन की अटूट साझेदारी कर इंग्लैंड को मैच में वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने शतक जड़ने के साथ इंग्लैंड के गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षकों को थकाने में भी योगदान दिया।
 
मैच के आखिरी घंटे का खेल शुरू होते समय इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स मैच खत्म करना चाहते थे, लेकिन  सुंदर और जडेजा के शतक के करीब होने के कारण भारत ने खेल जारी रखने का फैसला किया। स्टोक्स भारत के इस फैसले से खुश नहीं थे।
 
उन्होंने भारत के खेलने जारी रखने के फैसले के प्रति असहमति के संकेत के रूप में हैरी ब्रूक से गेंदबाजी कराना शुरू किया। ब्रुक ने जडेजा और सुंदर को आसानी से रन बनाने दिया।
 
जडेजा और सुंदर के शतक पूरा होने के बाद दोनों टीमों के  खिलाड़ियों ने हाथ मिलाए।
 
  सुंदर के करियर का यह अपना पहला टेस्ट शतक है जबकि जडेजा ने इस प्रारूप में अपना पांचवां शतक पूरा किया।
 
दिन के पहले सत्र में राहुल और गिल के पवेलियन लौटने के बाद जडेजा और सुंदर की धैर्य पूर्वक की गयी बल्लेबाजी ने  यह 2021 के सिडनी टेस्ट में रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी की मैच बचाने वाली साझेदारी की यादें ताजा कर दी।
 
भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत पैर में फैक्चर के बावजूद दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध थे, लेकिन उन्हें अपनी चोट को और बढ़ाने का जोखिम उठाने की जरूरत नहीं पड़ी।
 
इंग्लैंड के लिए बैजबॉल युग (कोच ब्रैंडन मैकुलम के आने के बाद) यह 40 मैचों में सिर्फ दूसरा ड्रॉ टेस्ट मैच है। इससे पहले 2023 एशेज के दौरान ओल्ड ट्रैफर्ड में ही मैच ड्रॉ हुआ था लेकिन उस समय ड्रॉ का मुख्य कारण खराब मौसम था।
 
दोनों टीमों के लिए एक लंबी और थकाऊ श्रृंखला में अपने तेज गेंदबाजों को फिट रखना मुश्किल हो रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि 31 जुलाई से लंदन में शुरू होने वाले पांचवें टेस्ट में कितने पहली पसंद के तेज गेंदबाज हिस्सा लेते हैं।
 
भारत ने दिन के दूसरे सत्र में बिना कोई विकेट गंवाये 99 रन बनाकर मैच को ड्रॉ की ओर अग्रसर कर दिया था। इस समय टीम का स्कोर चार विकेट पर 322 रन था।
 
दिन की शुरुआती सत्र में अपने आठ ओवर के स्पैल में खतरनाक दिखे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स दूसरे सत्र में तीन ओवर के स्पैल में प्रभावित नहीं कर सके।
 
सुंदर ने स्टोक्स के ओवर में लगातार गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया इसके तुरंत बाद जडेजा ने भी चौके के साथ छह पारियों में पांचवां अर्धशतक पूरा करने के साथ इंग्लैंड के कप्तान के ओवर में 15 रन बटोरे।
 
पंत के चोटिल होने के कारण जडेजा और सुंदर के बाद भारतीय बल्लेबाजी में दमखम नहीं था ऐसे बायें हाथ के इन दोनों बल्लेबाजों ने जोखिम लिये बिना बल्लेबाजी की।
 
इंग्लैंड के लिए मुश्किल यह रही कि बाएं हाथ के स्पिनर लियाम डॉसन (47 ओवर में बिना किसी सफलता के 95 रन) भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाजों को पर्याप्त चुनौती नहीं दे पाए। जोफ्रा आर्चर भी लंच के बाद कोई सफलता हासिल नहीं कर पाए।
 
इससे पहले सुबह के सत्र में शुभमन गिल ने एक साहसी शतक पूरा किया। इस दौरान स्टोक्स ने कंधे में दर्द के बावजूद गेंदबाजी करने का फैसला किया और राहुल को आउट कर गिल के साथ तीसरे विकेट के लिए 188 रन की साझेदारी को तोड़ा।
 
राहुल के आउट होने के बाद गिल ने धैर्य से बल्लेबाजी की लेकिन शतक पूरा करने के बाद लंच से पहले जोफ्रा आर्चर की गेंद पर बल्ला अड़ाकर विकेटकीपर जैमी स्मिथ को कैच दे बैठे।
 
भारत ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 174 रन से की। टीम इस समय इंग्लैंड की पहली पारी के रनों को बराबरी करने के लिए और 137 रन की जरूरत थी। बीते दिन के नाबाद बल्लेबाज गिल और राहुल ने उस अंदाज में बल्लेबाजी शुरू की जैसी उन्होंने मैच के चौथे दिन के आखिरी दो सत्र में की थी।
 
गिल और राहुल ने उस समय मोर्चा संभाला था जब टीम ने बिना किसी रन के दो विकेट गंवा दिए थे। उनकी 421 गेंद तक चली मैराथन साझेदारी आखिरकार तब टूटी जब स्टोक्स की गेंद टप्पा खाने के बाद तेजी से राहुल के पैड से टकरा गयी और अंपायर ने उन्हें बिना देरी किये पगबाधा करार दिया।
 
इसके तुरंत बाद स्टोक्स की लगभग इसी लेंथ की गेंद गिल को चकमा देते हुए उनकी उंगलियों और हेलमेट से टकरा गयी। गिल इसके बाद काफी दर्द में दिखे और फिजियो ने मैदान पर उनकी उंगली का उपचार किया।
 
स्टोक्स का इस तरह से गेंदबाजी करना उल्लेखनीय था क्योंकि कंधे की चोट और मांसपेशियों की खिंचाव के कारण वह चौथे दिन गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं थे। उन्होंने हालांकि लॉर्ड्स टेस्ट की तरह यहां भी पांचवें दिन दर्द के बावजूद आठ ओवर का लंबा स्पैल डाला और चोट की परवाह किये बिना शानदार गेंदबाजी की।
 
इंग्लैंड ने 80 ओवर का खेल पूरा होने के बाद नयी गेंद ली और आर्चर ने गिल को पवेलियन की राह दिखा कर इंग्लैंड को बड़ी कामयाबी दिलायी।
 
जडेजा को अपनी पारी की पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला। आर्चर की उछाल लेती गेंद जडेजा के बल्ले से टकराते हुए स्लिप क्षेत्र में गयी लेकिन जो रूट मुश्किल कैच को लपकने में नाकाम रहे। 


(भाषा) 

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