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धोनी ने 20 महीने बाद जीती वनडे सीरीज

हमें फॉलो करें धोनी ने 20 महीने बाद जीती वनडे सीरीज
हरारे , सोमवार, 13 जून 2016 (12:39 IST)
हरारे। युवा लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (25 रन पर तीन विकेट) के दमदार प्रदर्शन और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के बेहतर योगदान से भारत ने जिम्बाब्वे को दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में सोमवार को आठ विकेट से पीटकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अपराजेय बढ़त बना ली। 

भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी युवा ब्रिगेड के दम पर 20 महीने के लंबे अंतराल के बाद अपनी कप्तानी में वनडे सीरीज जीती है। धोनी की कप्तानी में भारत ने आखिरी बार अक्टूबर 2014 में घरेलू जमीन पर वेस्टइंडीज से एकदिवसीय सीरीज जीती थी। 
        
टीम इंडिया के युवा गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे को एक समय तीन विकेट पर 106 रन की शानदार स्थिति को 34.3 ओवर में 126 रन पर लुढ़का दिया। भारत को इस आसान स्कोर का पीछा करने में कोई परेशानी नहीं हुई। भारत ने 26.5 ओवर में दो विकेट पर 129 रन बनाकर एकतरफा जीत हासिल कर ली। भारत ने पहला वनडे नौ विकेट से जीता था।
 
पिछले मैच के शतकधारी लोकेश राहुल 50 गेंदों में चार चौकों की मदद से 33 रन बनाकर आउट हुए। राहुल ने इस तरह वनडे में पहली बार आउट होने से पहले सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड बना दिया। राहुल ने वनडे में पहली बार आउट होने से पहले 133 रन बनाए जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड डब्ल्यू रमन के नाम 103 रन का था। राहुल ने पिछले मैच में नाबाद 100 रन बनाए थे और पदार्पण वनडे में वह शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे।
         
राहुल और करुण नायर (39) ने पहले विकेट के लिए 14.4 ओवर में 58 रन की साझेदारी की। राहुल के आउट होने के बाद नायर और अंबाती रायुडू ने दूसरे विकेट के लिए 12 ओवर में 67 रन जोड़कर भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। भारत का स्कोर जब 125 था तो नायर को सिकंदर रजा ने पगबाधा कर दिया। नायर ने 68 गेंदों पर 39 रन की पारी में पांच चौके लगाए।
          
रायुडू ने मनीष पांडे के साथ भारत को जीत की मंजिल पर पहुंचा दिया। पांडे ने रजा के इसी ओवर की आखिरी गेंद पर विजयी चौका मारा। रायुडू ने 44 गेंदों पर नाबाद 41 रन की पारी में सात चौके लगाए। पांडे चार रन पर नाबाद रहे। भारतीय युवा खिलाड़ियों ने इस तरह लगातार दूसरे मैच में शानदार प्रदर्शन किया। चहल को उनकी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए 'मैन ऑफ द मैच' का पुरस्कार मिला। उन्होंने करियर के दूसरे ही मैच में यह पुरस्कार हासिल किया। 
 
इससे पहले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (तीन विकेट) और तेज गेंदबाजों बरिंदर शरण तथा धवल कुलकर्णी (दो-दो विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने जिम्बाब्वे को 34.3 ओवर में मात्र 126 रन पर ही ढेर कर दिया। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार दूसरी बार टॉस जीतकर जिम्बाब्वे को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने मेजबान टीम पूरे 50 ओवर भी मैदान पर टिकने का जज्बा नहीं दिखा सकी।
          
जिम्बाब्वे की खराब बल्लेबाजी का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल तीन खिलाड़ी ही दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। वूसी सिबांदा ने 53 रन की अर्धशतकीय पारी खेल कर टीम को 100 रन के पार पहुंचाने में मदद की। 32 वर्षीय सिबांदा ने 69 गेंदों में छह चौके और एक छक्का लगाकर 53 रन बनाए। यह उनका 21वां अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक है।
          
चामू चिभाभा ने 21 रन और सिकंदर रजा ने 16 रन बनाए। ओपनर हैमिल्टन मसकाद्जा ने नौ रन, पीटर मूर ने एक रन, एल्टन चिगुंबुरा शून्य, रिचमंड मुतुम्बानी दो, कप्तान ग्रीम क्रेमर सात, तेंदई चतारा दो और ताउराई मुजारबानी पांच रन बनाकर आउट हुए। सीन विलियम्स एबसेंट हर्ट रहे।
                 
स्पिनर युजवेंद्र ने छह ओवर में 25 रन देकर सर्वाधिक तीन विकेट निकाले। बरिंदर ने 17 रन पर दो और धवल ने 31 रन पर दो विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल ने एक एक विकेट अपने नाम किया और इस तरह सभी भारतीय गेंदबाजों ने सफलता हासिल की।  
 
तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे चल रही टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने दूसरे मैच में बिना किसी बदलाव के ही अंतिम एकादश को उतारा था। सीरीज कब्जाने के इरादे से उतरी भारतीय टीम ने मैच में शुरुआत से ही बेहतरीन गेंदबाजी की और ओपनर हैमिल्टन मात्र नौ रन बनाकर शरण की गेंद पर बुमराह को कैच थमा बैठे। इसके बाद बरिंदर ने मूर को एक रन पर ही पगबाधा कर अपना दूसरा विकेट लिया। चिभाभा को कुलकर्णी ने पगबाधा कर जिम्बाब्वे को 39 रन पर तीसरा झटका दे दिया।
               
वूसी और सिकंदर ने चौथे विकेट के लिए 67 रन की साझेदारी कर जिम्बाब्वे की स्थिति को कुछ हद तक संभाला और स्कोर को 100 के पार पहुंचाया। सिकंदर ने 41 गेंदों में एक चौका लगाकर 16 रन बनाए। चिभाभा ने 26 गेंदों में एक चौका लगाकर 21 रन जोड़े। सिकंदर को युजवेंद्र ने केदार जाधव के हाथों कैच कराकर साझेदारी पर ब्रेक लगाया। युजवेंद्र ने फिर 106 के स्कोर पर ही चिगुंबुरा (शून्य) को पगबाधा कर अपना दूसरा और जिम्बाब्वे का पांचवां विकेट गिराया। 
 
युजवेंद्र ने एक रन के बाद ही सिबांदा को भी जाधव के हाथों कैच कराकर पैवेलियन भेजा और मैच में अपना तीसरा विकेट हासिल किया। जिम्बाब्वे ने अपने आखिरी सात विकेट मात्र 20 रन के अंतराल में गंवाए। 
 
सिबांदा के आउट होने के बाद फिर कोई अन्य निचले क्रम का बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सका। मुतुम्बानी को बुमराह ने कप्तान धोनी के हाथों कैच कराया। चतारा का विकेट आठवें बल्लेबाज के रूप में धवल ने लिया और मुजारबानी को अक्षर ने पगबाधा किया। सीन एबसेंट हर्ट हुए और पूरी मेजबान टीम 126 पर ढेर हो गई।
                  
भारतीय गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे की पारी में चार खिलाड़ियों को पगबाधा किया। बरिंदर ने मसकाद्जा और मूर के विकेट चटकाए। धवल ने चिभाभा और चतारा को आउट किया। युजवेंद्र ने सिबांदा, सिकंदर और चिगुंबुरा के एक के बाद एक तीन विकेट लिए। बुमराह और अक्षर ने मुतुम्बानी तथा मुजारबानी के विकेट लिए। (वार्ता)
 
 

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