Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Commonwealth Games में इस कारण चूक गया था गोल्ड, एशियाई खेलों में नहीं होगा यह रोड़ा

Advertiesment
हमें फॉलो करें Commonwealth Games में इस कारण चूक गया था गोल्ड, एशियाई खेलों में नहीं होगा यह रोड़ा
, शुक्रवार, 11 अगस्त 2023 (17:47 IST)
बायें हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ को लगता है कि राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक से चूकने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम अगले महीने चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करेगी।

पिछले साल भारतीय टीम बर्मिंघम में महिला क्रिकेट के राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में स्वर्ण पदक जीतने से चूक गयी थी, उसे फाइनल में आस्ट्रेलिया से हार मिली थी। हाल के वर्षों में टीम को बड़े टूर्नामेंट के तीन फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है।

भारतीय महिला टीम ने ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की टी20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के आधार पर सीधे एशियाई खेलों के क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

गायकवाड़ ने PTI को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘निश्चित रूप से, हम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतेंगे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी बड़ी प्रतिद्वंद्वी टीमों के खिलाफ खेल चुके हैं, लेकिन हम उसके बारे में सोचते नहीं रह सकते, हमें अपनी टीम पर भरोसा है, हम स्वर्ण पदक जीत सकते हैं। ’’

गायकवाड़ भारत के पिछले दौरे (बांग्लादेश के खिलाफ) पर टीम का हिस्सा नहीं थी, जिसमें टीम ने टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला 2-1 से जीती जबकि वनडे श्रृंखला 1-1 से बराबर रही।

गायकवाड़ ने कहा, ‘‘मैं बांग्लादेश दौरे के दौरान रिहैबिलिटेशन में थी और आराम कर रही थी। ऐसा नहीं था कि मुझे टीम से बाहर किया गया था। ’’
webdunia

भारत के लिए दो टेस्ट, 64 वनडे और 55 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी यह स्पिनर इस समय महिला प्रीमियर लीग की टीम यूपी वारियर्स के भारतीय खिलाड़ियों के लिये लगे सत्र से इतर के शिविर में व्यस्त हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने शिविर में काफी अच्छा काम किया है। हमें किसी विशेष विभाग पर काम करने की जरूरत नहीं है लेकिन उन विभागों में सुधार कर सकते हैं जिसमें हम बेहतर कर सकते थे और हमारा ध्यान सिर्फ इसी पर लगा है। ’’

गायकवाड़ ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान सभी विभागों में सुधार करने पर है, जिसमें क्षेत्ररक्षण, बल्लेबाजी और गेंदबाजी शामिल है। विशेषकर बल्लेबाजों ने अपने स्ट्रोक्स पर काम करने की कोशिश की है। ’’(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

1984 Asia Cup : जब सुनील गावस्कर की कप्तानी में जीता था भारत ने पहला ही टूर्नामेंट