दुबई:अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बुधवार को महिला श्रेणी में वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार के लिए नामित खिलाड़ियों की घोषणा की, जिसमें एक भी भारतीय खिलाड़ी शामिल नहीं है।
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज टैमी ब्यूमोंट, दक्षिण अफ्रीका की सलामी बल्लेबाज लिजेल ली, वेस्ट इंडीज की ऑलराउंडर हेले मैथ्यूज और पाकिस्तान की युवा ऑलराउंडर फातिमा सना को नामित किया गया है।
ब्यूमोंट ने इस वर्ष 11 मैचों में 62.87 की औसत से 503 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं। वह 2021 में वनडे मैचों में संयुक्त रूप से दूसरी सर्वाधिक रन बनाने बनाने वाली खिलाड़ी भी बनी हैं। भारतीय कप्तान मिताली राज ने भी इस वर्ष वनडे में 503 रन बनाए हैं। ब्यूमोंट ने साल के अपने पहले चार वनडे मैचों में लगातार चार अर्द्धशतक बनाए थे। वह हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी थीं।
वहीं दक्षिण अफ्रीका की ली ने 11 मैचों में 90.28 की औसत से एक शतक और पांच अर्धशतकों के साथ 632 रन बना कर कैलेंडर वर्ष में वनडे प्रारूप में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं। इस वर्ष मार्च में भारत दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 288 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। इतना ही नहीं उन्होंने सर्वाधिक रन स्कोरर रहते हुए सीरीज समाप्त की थी और प्लेयर ऑफ द सीरीज बनीं थी। वेस्ट इंडीज ऑलराउंडर मैथ्यूज ने 14 मैचों में 29.23 के औसत से एक शतक और एक अर्धशतक की बदौलत 380 रन बनाए हैं। इसके अलावा 3.33 की इकॉनमी रेट से 18 विकेट भी उनके नाम हैं।
इसके अलावा युवा पाकिस्तानी खिलाड़ी सना ने 13 मैचों में 24.90 की औसत से 20 विकेट लिए हैं। उन्होंने एक मैच में पांच विकेट भी लिए थे। वह बल्ले और गेंद के साथ शानदार रही हैं। जून-जुलाई में घर से दूर वेस्ट इंडीज दौर पर अपने आखिरी वनडे मैच शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार जीता था। मेजबान वेस्ट इंडीज के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज में 11 विकेटाें के साथ वह दूसरी सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं थी। उन्होंने बाद में नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज और आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप क्वालीफायर में भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी।
औसत रहा भारतीय महिला क्रिकटरों का प्रदर्शन
आईसीसी महिला वनडे प्लेयर ऑफ द इयर के लिए एक भी नामंकन ना आना इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए यह साल औसत रहा।
कोविड काल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई लखनऊ के इकाना स्टेडियम में टीम इंडिया का लचर प्रदर्शन रहा। भारत को 4-1 से सीरीज गंवानी पड़ी।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी भारत 2-1 से सीरीज हार गया। हालांकि दूसरा मैच भारत आखिरी गेंद पर हारा और अंपायर की नो बॉल से काफी विवाद हुआ।
तीसरे वनडे को जीतकर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 26 वनडे मैचों के विजय रथ को रोका। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए यह ही इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही।