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इरफान पठान का खुलासा, 2007 में गेंदबाजों पर नियंत्रण करते थे धोनी, 2013 में बदला कप्तानी का अंदाज

हमें फॉलो करें इरफान पठान का खुलासा, 2007 में गेंदबाजों पर नियंत्रण करते थे धोनी, 2013 में बदला कप्तानी का अंदाज
, रविवार, 28 जून 2020 (14:04 IST)
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने खुलासा किया कि विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 में जब अपना कप्तानी कार्यकाल शुरू किया था, तब वह अपने गेंदबाजों पर नियंत्रण करना पसंद करते थे, लेकिन 2013 तक उन्होंने उन पर भरोसा करना शुरू कर दिया था और इसी दौर में वह काफी शांत नेतृत्वकर्ता भी बन गए थे।

पठान 2007 विश्व कप विजेता टीम और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा थे और धोनी की कप्तानी में खेले थे। 35 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि जैसे-जैसे समय बीतता गया धोनी में कप्तान के तौर पर कई तरीकों से बदलाव हुआ।

पठान से स्टार स्पोर्ट्स के ‘क्रिकेट कनेक्टिड’ शो में धोनी के कप्तान के रूप में 2007 और 2013 के बीच बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 2007 में यह पहली बार था और जब आपको टीम की अगुआई की बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है तो आप थोड़े उत्साहित हो जाते हो, आप इसे समझ सकते हो।
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उन्होंने कहा, हालांकि टीम बैठक हमेशा कम समय की होती थी, 2007 में भी और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी। सिर्फ पांच मिनट की बैठक। इस साल के शुरू में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने वाले इस तेज गेंदबाज ने धोनी में एक बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 2007 में वह उत्साहित होकर विकेटकीपिंग से गेंदबाजी छोर तक भागा करते थे और साथ ही गेंदबाजों पर भी नियंत्रण करने की कोशिश करते थे लेकिन 2013 में वह गेंदबाजों को खुद पर नियंत्रण करने देते थे। वह बहुत शांत हो गए थे।

पिछले साल वनडे विश्व कप में भारतीय टीम के सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद से धोनी ने कोई क्रिकेट नहीं खेला है। उन्होंने 2007 से लेकर 2016 तक देश की सीमित ओवर टीम की अगुआई की और टेस्ट क्रिकेट में 2008 से 2014 तक कप्तानी संभाली। 38 साल का यह खिलाड़ी एकमात्र कप्तान है जिसने सभी आईसीसी ट्रॉफियां जीती हैं।

उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 विश्व टी20 कप, 2010 और 2016 एशिया कप, 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। पठान ने कहा कि 2013 तक धोनी ने मैच जीतने के लिए मुश्किल परिस्थितियों में स्पिनरों को लगाना शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा, 2007 और 2013 के बीच उन्होंने अपने धीमे गेंदबाजों और स्पिनरों पर भरोसा करने का अनुभव हासिल किया और जब तक चैंपियंस ट्रॉफी आई, वह बहुत स्पष्ट होते थे कि अहम मौके पर मैच जीतने के लिए उन्हें अपने स्पिनरों को लगाना होगा।(भाषा)

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