आज भारतीय गेंदबाज के लिए एक यादगार दिन रहा। टेस्ट क्रिकेट में इशांत शर्मा ने अपने 300 विकेट पूरे कर लिए हैं। वहीं इस ही दिन कपिल देव इस ही दिन टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट (434) चटकाने वाले गेंदबाज बने थे । हालांकि इसके बाद कई गेंदबाज उनसे आगे निकले।
इशांत शर्मा के लिए चेन्नई टेस्ट के दूसरे दिन का इंतजार चौथे दिन खत्म हुआ। दूसरे दिन की समाप्ति में 11 ओवर बचे थे और कप्तान विराट कोहली ने इशांत शर्मा को गेंद थमाई जो अब तक 23 ओवर में कोई विकेट नहीं ले पाए थे। इशांत ने अपने चौबीसवें ओवर की दूसरी गेंद पर जोस बटलर को और तीसरी गेंद पर जोफ्रा आर्चर को बोल्ड कर दिया। इसके बाद उन्हें अपने 300 विकेट के लिए पूरे दो दिन का इंतजार करना पड़ा।
डैनियल लॉरेंस को 18 रनों के स्कोर पर जैसे ही इशांत शर्मा ने पगबाधा आउट किया तो उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में यह सुनहरा पल मिल गया। वर्ष 2007 में ढाका में बंगलादेश के खिलाफ अपना टेस्ट करियर शुरु करने वाले इशांत को 300 विकेट लेने में कुल 98 टेस्ट खेलने पड़े।
अगर भारतीय गेंदबाजों (पेस और स्पिन) की बात करें इशांत से आगे जहीर खान (92 टेस्ट 311 विकेट), रविचंद्रन अश्विन (74 टेस्ट 377 विकेट), हरभजन सिंह (103 टेस्ट 417 विकेट), कपिल देव (131 टेस्ट 434 विकेट) और अनिल कुंबले (132 टेस्ट 619 विकेट) हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इशांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले पैंतीसवें खिलाड़ी हैं। इशांत का टेस्ट में सबसे बेहतर प्रदर्शन 74 रन देकर 7 विकेट है। वह टेस्ट में 11 बार पांच और एक बार दस विकेट ले चुके हैं।
32 वर्षीय इशांत यदि इस सीरीज में दो टेस्ट और खेल लेते हैं तो वह टेस्ट मैचों का शतक भी पूरा कर लेंगे। भारत में अबतक नौ खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट में मैचों का शतक पूरा किया है।
इशांत के लिए यह खुशी का पल जरूर है लेकिन वह अब किन गेंदबाजों से आगे निकल सकते हैं यह उनके फॉर्म फिटनेस और चयन की चुनौतियों पर निर्भर करेगा क्योंकि नटराजन, शार्दूल और सिराज जैसे गेंदबाज लगातार चयनकर्ताओं के दरवाजे पर खटखटा रहे हैं।
अगर सिर्फ तेज गेंदबाजों की तुलना की जाए तो इशांत जल्द ही जहीर खान (311 विकेट) से आगे निकल सकते हैं लेकिन कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ना शायद उनके लिए संभव नहीं हो पाए। क्योंकि उनकी उम्र 30 साल से ज्यादा हो चुकी है और भविष्य में उनको चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है। फिटनेस की समस्या से अगर वह पार पा गए तो शायद वह 400 विकेट के क्लब में भी शामिल हो जाए क्योंकि वह भारतीय टीम के लिए सिर्फ टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं।(वेबदुनिया डेस्क)