भारत और न्यूजीलैंड के बीच 17 नवंबर को जयपुर में हो रहे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे क्योंकि मेजबान संघ ने कोविड-19 का पहला टीका ले चुके दर्शकों के प्रवेश पर कोई पाबंदी नहीं लगायी थी। करीब 2 साल बाद भारत के मैदान पर अपनी टीम को चियर करने में स्टेडियम की दर्शकों की संख्या पर पाबंदी नहीं लगाई गई।
जिन लोगों को कोविड-19 का पहला टीका नहीं लगा तो उन्हें कोविड-19 नेगेटिव होने की वैध जांच रिपोर्ट के साथ मैदान में एंट्री मिली जो मैच शुरू होने से 48 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए थी। सवाई मानसिंह स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता 25,000 है। यह स्टेडियम आठ वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी कर रहा है।
राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) सचिव महेंद्र शर्मा ने कहा, राज्य के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार हम पूरी क्षमता में दर्शकों को नहीं बुला सकते थे। आपको कोविड-19 का पहला टीका लेना जरूरी होगा या फिर नेगेटिव जांच रिपोर्ट लानी थी जिसकी प्रवेश द्वार पर ही चेकिंग की गई। शर्मा ने कहा कि मास्क के बिना स्टेडियम में प्रवेश नहीं दिया गया। कोविड काल में पांबदियों के बिना भारत में यह पहला अंतरराष्ट्रीय मैच हो रहा है।
दर्शकों को इंग्लैंड के खिलाफ भारत की घरेलू श्रृंखला के दौरान भी अनुमति दी गयी थी लेकिन इनकी संख्या स्टेडियम की 50 प्रतिशत ही रखी गयी थी। बाद में सीमित ओवरों की श्रृंखला में कोविड-19 मामलों के बढ़ने के कारण आयोजकों को मैच दर्शकों के बिना ही कराने पड़े थे।
शर्मा ने कहा कि शुरूआती टी20 मैच के लिये टिकटों की बिक्री गुरूवार रात से शुरू हो गई थी और ये पेटीएम डॉट कॉम पर उपलब्ध थे।उन्होंने कहा, टिकटों की कीमत 1000 रूपये से शुरू थी और सबसे महंगा टिकट 15,000 रूपये का था।
भारतीय खिलाड़ी टूर्नामेंट से जल्दी बाहर होने के कारण पहले ही स्वदेश लौट चुके थे और जल्द ही बायो-बबल में प्रवेश कर लिया था।तीन मैचों की टी20 श्रृंखला के बाद दो टेस्ट खेले जायेंगे जो विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का हिस्सा होंगे।
जनवरी 2020 में घरेलू मैदान पर खचाखच भरे स्टेडियम में खेली थी टीम इंडिया
कोरोना वायरस की दस्तक से पहले भारत 19 जनवरी 2020 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम पर तीसरा वनडे अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेला था। स्टेडियम दर्शकों से खचा खच भरा हुआ था और टीम इंडिया यह मैच जीती भी।भारतीय दर्शकों की मौजूदगी में टीम का उत्साह बना रहता है और नाजुक मौकों पर टीम वापसी के लिए प्रोत्साहित भी होती है।
गौरतलब है कि इंग्लैंड और भारत का पहला टेस्ट बिना दर्शकों के खेला गया था। वहीं दूसरे टेस्ट से 50 फीसदी दर्शकों को मैच देखने की अनुमति मिली थी। चेन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में दूसरे टेस्ट में करीब एक साल बाद भारत के दर्शक स्टेडियम में देखे गए थे।