एंटीगा। विराट कोहली एंड कंपनी ने जसप्रीत बुमराह को लंबा ब्रेक दिया था ताकि वे खुद को तरोताजा रखकर वेस्टइंडीज दौरे की टेस्ट सीरीज में करिश्माई प्रदर्शन कर सकें। बुमराह का 'ब्रेक' लेना टीम इंडिया के लिए वरदान साबित हुआ और उन्होंने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 8 ओवरों में 7 रन देकर 5 विकेट लेने का अनोखा कारनामा करके इतिहास रच डाला।
भारत ने आईसीसी की पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को 318 रनों से हराया। युवा क्रिकेटरों की इसमें जरूर दिलचस्पी होगी कि आखिर अपने अनोखे गेंदबाजी एक्शन के कारण भारत का यह 'यॉर्कर किंग' ब्रेक के दिनों में क्या-क्या करता रहा व वापसी करते ही विरोधी बल्लेबाजों पर कैसे कहर बनकर टूट पड़ा?
मानसिक रूप से खुद को तैयार किया : बुमराह ने साक्षात्कार में कहा कि लंबे ब्रेक लेने के दौरान मैं यही सोचता रहा कि मैं ऐसा क्या करूं कि अपनी स्ट्रेंथ को ऊपर ले जाऊं, क्योंकि मैं जानता था कि वेस्टइंडीज दौरे की शुरुआत के साथ ही आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का भी आगाज हो रहा है। मैंने मानसिक रूप से खुद को तैयार किया और सबसे ज्यादा ध्यान अपनी बॉडी पर दिया।
ट्रेनिंग और डाइट पर ध्यान : बुमराह ने कहा कि मुझे मालूम था कि मेरी बॉडी अच्छी रही तो मैं खुलकर खेल सकता हूं। मैंने अपनी ट्रेनिंग और डाइट पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। 6 महीने से मैं ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट खेल रहा था। उस लंबे अंतराल के बाद मुझे फिर से टेस्ट मैच में उतरना था, वह भी लाल रंग की ड्यूक गेंद के साथ। हालांकि मुझे लाल गेंद बहुत आकर्षित करती है, इसीलिए मैं बेहद रोमांचित था। मुझे खुशी है कि मैंने नाम और नंबर जर्सी पहनी और टीम के लिए दोनों पारियों में कुल 6 विकेट झटके।
बुमराह की विनम्रता : बुमराह भले ही दूसरी पारी में 7 रन देकर वेस्टइंडीज के 5 बेहतरीन बल्लेबाजों को शिकार बनाकर (4 बल्लेबाज बोल्ड, 1 बल्लेबाज कैच आउट) 4 देशों के खिलाफ 5 विकेट लेने वाले एशिया के पहले गेंदबाज बन गए लेकिन कामयाबी का जादू उनके सिर नहीं चढ़ा और बेहद विनम्रता के साथ उन्होंने कहा कि मैं हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करता हूं। टीम में जितने भी सीनियर खिलाड़ी हैं, मैं हमेशा उनसे कुछ सीखने का प्रयास करता हूं। मेरे लिए हर मैच एक पाठशाला की तरह है और मैं उसका छात्र हूं, जहां मुझे नया सीखना है।
विश्व कप के बाद लिया था ब्रेक : बुमराह ने इंग्लैंड में आयोजित आईसीसी विश्व कप के बाद ब्रेक लेने का फैसला किया था और बीसीसीआई भी उन्हें इसकी इजाजत दे थी। बुमराह टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे न तो टी20 मैच खेले थे और न ही एक दिवसीय सीरीज। सीधे टेस्ट मैच में उतरे और उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय टीम को बड़ी जीत दिला दी।
सुनील गावस्कर भी बुमराह के मुरीद : महान सुनील गावस्कर भी बुमराह के मुरीद हैं। उन्होंने कहा कि मैं बुमराह की गेंदबाजी में कई तरह के बदलाव महसूस कर रहा हूं। वे भले ही पूरी दुनिया में सटीक यॉर्कर के रूप में जाने जाते हों लेकिन मैंने देखा है कि अब वे गेंदों को आउट स्विंग भी करवा रहे हैं। यह एक बहुत मुश्किल काम है, खासकर बुमराह जैसे गेंदबाज के लिए। मुझे खुशी है कि वे हर मैच से सबक लेकर अगले मैच में कुछ नया करने की कोशिश करते हैं।