लंदन: जसप्रीत बुमराह ने कहर बरपाती गेंदबाजी करते हुए अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके छह विकेट चटकाये जिसकी मदद से भारत ने मंगलवार को पहले एक दिवसीय क्रिकेट मैच में इंग्लैंड को दस विकेट से हरा दिया।
पिच पर घास को देखते हुए भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लिया और बुमराह की अगुवाई में भारतीय तेज गेंदबाजों ने इसे सही साबित करते हुए इंग्लैंड को 110 रन पर समेट दिया जो भारत के खिलाफ उसका न्यूनतम स्कोर था। बुमराह ने 7.2 ओवर में 19 रन देकर छह विकेट लिये।
वह इंग्लैंड में किसी वनडे मैच में पांच या अधिक विकेट लेने वाले भारत के पहले तेज गेंदबाज बन गए।इसके साथ ही उन्होंने आशीष नेहरा का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 23 रन देकर 6 विकेट लिए थे।
हालांकि आशीष नेहरा का यह कातिलाना स्पैल वनडे विश्वकप में डरबन के मैदान पर आया था और यह मैच सुपर 6 में पहुंचने के लिहाज से भारत के लिए जीतना बेहद अहम था इस कारण इस स्पैल की महत्ता अलग थी भले ही आंकड़े में बुमराह आगे निकल गए हों।
इसके अलावा विदेशी धरती पर बुमराह का यह प्रदर्शन किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ है। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में ही 5 या 5 से ज्यादा विकेट लेने वाले बुमराह तीसरे गेंदबाज बने। इससे पहले मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव यह कारनाम कर चुके हैं।
तीनों प्रारुपों के कार्य प्रबंधन पर ध्यान दे पाते हैं बुमराह
भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ जसप्रीत बुमराह ने स्वीकार कहा है कि खेल के सभी तीन प्रारूपों में काम के बोझ का प्रबंधन मुश्किल है और यही कारण है कि इस साल ध्यान सबसे छोटे प्रारूप पर है क्योंकि सिर्फ तीन महीने बाद टी20 विश्व कप का आयोजन होना है।
मंगलवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 19 रन देकर छह विकेट चटकाने वाले बुमराह ने स्पष्ट किया कि इस साल जोर टी20 प्रारूप पर है क्योंकि सिर्फ तीन महीने बाद आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप का आयोजन होना है।
बुमराह ने भारत की 10 विकेट की एकतरफा जीत के बाद कहा, यह कई चीजों का संयोजन है और सिर्फ इस पर निर्भर नहीं करता कि आपको कौन से मुकाबले चुनने हैं। जैसे कि जिस साल विश्व कप का आयोजन होना है, उस प्रारूप (इस साल टी20) को अधिक प्राथमिकता देने की जरूरत है और अगर किसी साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल होना है तो ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर अधिक होना चाहिए।
भारत का कार्यक्रम काफी व्यस्त है लेकिन बुमराह समझ सकते हैं कि ऐसा 2020 और 2021 में कई श्रृंखलाओं के कोविड-19 के कारण स्थगित होने से हुआ।
बुमराह ने कहा, आपको कैलेंडर पर ध्यान देना होता है। 2020-21 में कोविड के कारण हम कई श्रृंखलाओं में नहीं खेल पाए और इसलिए हमें लगातार काफी क्रिकेट खेलना पड़ रहा है। इसलिए काफी जागरूकता की जरूरत है। आपको टीम के ट्रेनर, फिजियो और प्रबंधन से बात करनी होती है। जब आप किसी श्रृंखला में नहीं खेल रहे होते तो स्वयं को मानसिक रूप से बेहतर स्थिति में रखना होता है।
बुमराह को वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से ब्रेक दिया गया है।
उन्होंने हालांकि काम के बोझ पर कहा, सभी तीन प्रारूपों में काम के बोझ का प्रबंधन मुश्किल है। शायद सिर्फ पांच दिन पहले हम टेस्ट मैच खेल रहे थे और इसके बाद टी20 और अब एकदिवसीय मुकाबले खेल रहे हैं इसलिए मानसिक सामंजस्य की जरूरत होती है।
इस तेज गेंदबाज ने कहा, आपको तरोताजा रहना होता है और अपने शरीर का ध्यान रखना होता है। कभी कभी आपको सामान्य आठ घंटे की जगह नौ या 10 घंटे भी सोना होता है। उबरना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि तेज गेंदबाजी काफी मुश्किल काम है और इसका शरीर पर असर पड़ता है।
कप्तान रोहित शर्मा की तरह बुमराह का भी मानना है कि बाहरी लोगों की बातों को अधिक तवज्जो नहीं देनी चाहिए।उन्होंने कहा, चीजों को जटिल नहीं बनाना और बाहरी लोगों की बातों को तवज्जो नहीं देना मेरे लिए फायदेमंद रहा है। मैं तारीफ से खुश नहीं होता और ना ही आलोचना से निराश होता हूं।
बुमराह ने कहा, लोग (विशेषज्ञ) जो कहते हैं मैं उसका सम्मान करता हूं लेकिन मैं उन्हें गंभीरता से नहीं लेता, फिर चाहे यह अच्छा हो या बुरा।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के उन्हें इस समय सभी प्रारूपों का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज कहने के बारे में पूछने पर बुमराह ने कहा कि संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, मैं वर्तमान में जीता हूं लेकिन बाहर लोग काफी बातें करते हैं, अलग अलग नजरिए से आप भ्रमित हो सकते हो इसलिए महत्वपूर्ण है कि अपने बारे में अपने विश्लेषण पर कायम रहो- अपनी तैयारी पर ध्यान दो और सभी जरूरी चीजों पर ध्यान दो जैसे अपनी फिटनेस का ध्यान रखो, खानपान का ध्यान रखो और जो भी चीज आपके नियंत्रण में है उसका ध्यान रखो और प्रक्रिया का पालन करो, इसके बाद जो भी नतीजे (अच्छे या बुरे) मिले उन्हें स्वीकार करो, इससे स्थिरता आती है।
मंगलवार को ओवल पर तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात में बुमराह ने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की लेकिन वह इससे काफी खुश नहीं हैं क्योंकि उन्हें पता है कि कभी कभी सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बावजूद भी आपकी झोली खाली रहती है।
उन्होंने कहा, मैं अंत में मिले नतीजों के आधार पर खुद को नहीं परखता। कई बार ऐसे मौके आए हैं जब मैंने इससे कहीं बेहतर गेंदबाजी की और विकेट नहीं मिले लेकिन मैं हमेशा इसी प्रक्रिया का पालन करता हूं।