भारतीय महिला क्रिकेट की प्रमुख तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने मंगलवार को बेहतरीन गेंदबाजी की और अपने 10 ओवर के स्पैल में 42 रन देकर दक्षिण अफ्रीका के 4 विकेट आउट किए। उनके प्रदर्शन की बदौलत दक्षिण अफ्रीका की टीम 157 रनों पर आउट हो गई।
लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम में खेली जा रही इस सीरीज के पहले मैच में 8 विकेट से हार के बाद टीम इंडिया इस मुकाबले को 9 विकेट से जीत गई। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे में मिली जीत का श्रेय टीम के सामूहिक प्रयास को देते हुये भारतीय महिला टीम की मध्यम तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी लय से टीम उबर चुकी है और प्रतिद्वंदी को कड़ी चुनौती देने के लिये तैयार है।
झूलन ने कहा “आज की जीत का श्रेय किसी एक खिलाड़ी को नहीं बल्कि समूची टीम को दिया जाना चाहिये। हमने गेंद और बल्ले से पहले मैच के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया जिसका परिणाम जीत के रूप में देखने काे मिला। कोरोना के चलते पहला मैच हम एक साल बाद खेल रहे थे और शायद इसी कारण टीम लय में नहीं थी लेकिन आज के मैच में गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने जुझारू प्रदर्शन किया।”
स्मृति मंधाना के प्रदर्शन पर उन्होने कहा “वह एक शानदार बल्लेबाज है और उसका मैच में आखिर तक टिके रहना टीम की जीत को आसान बना गया। पूनम ने स्मृति का बखूबी साथ दिया। हमारी कोशिश रहेगी कि प्रदर्शन में यह निरंतरता आगे भी बनी रहे।”
हालांकि झूलन ने सिर्फ गेंद से ही बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया। उन्होंने मैदान पर खेल भावना का प्रदर्शन किया।
वाक्या 36.4 ओवर का है जब पूनम यादव गेंदबाजी कर रही थी और पिच पर आयी डी कलर्क को चोट लग गई। दक्षिण अफ्रीका का स्कोर तब 131 रन बनाकर अपने 6 विकेट गंवा चुकी थी। ऐसे मौके पर झूलन आगे आयी और क्लर्क के पैड्स उतारने लगी।
38 वर्षीय झूलन गोस्वामी भारत के लिए अब तक 183 वनडे मैच खेल कर 213 विकेट चटका चुकी हैं। वहीं 68 टी-20 खेलकर उन्होंने 56 विकेट लिए हैं। यही नहीं 10 टेस्ट मैचों में भी उन्होंने भारत की ओर से खेलकर 40 विकेट चटकाए हैं।
बीसीसीआई महिला क्रिकेट ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वाक्ये का वीडियो शेयर किया और वरिष्ठ गेंदबाज की तारीफ की।
याद हो कि पुरुष क्रिकेट में भी ठीक ऐसा ही मौका हुआ था, और वह मैच भी भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जा रहा था। हालांकि उस मैच में दक्षिण अफ्रीका बेहद मजबूत स्थिती में था।
यह मैच साल 2015 में वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। गांधी मंडेला सीरीज के का यह आखिरी वनडे फाइनल की तरह था। फाफ ड्यूप्लेसिस छ्क्के पर छक्का मारे जा रहे थे। अचानक एक छक्का मारकर वह गिर गए और दर्द से कराहने लगे।
विकेट के पीछे तैनात महेंद्र सिंह धोनी ने उनके पैर की स्ट्रेचिंग करवाई ताकि उनके दर्द में कमी आ सके। यह उन्हें तब तक किया जब तक दक्षिण अफ्रीकी फीजियो मैदान पर नहीं आ गया। भारत के लिए भले ही यह भुला देने वाला मैच रहा लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी खेल भावना से सबका दिल जीत लिया (वेबदुनिया डेस्क)