हेगले ओवल, क्राइस्टचर्च में न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले एक रोमांचक टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड के खिलाडी केन विलियमसन ने आखरी बॉल में विकटों के बीच दौड़ते हुए डाइव मारकर वह मैच सिर्फ अपनी टीम के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए जीत लिया है। न्यूज़ीलैंड में चल रही इन दो मैचों की सीरीज के पहले मैच में श्रीलंका को दो विकटों से हरा कर न्यूज़ीलैंड ने भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की टिकट फाइनल करदी है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराकर पहले ही अपने लिए WTC फाइनल की टिकट पक्की कर ली थी लेकिन उस मैच के बाद टीम इंडिया के लिए WTC फाइनल में एंटर करने के लिए स्थितियां कुछ ऐसी हो गई कि उन्हें या तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया को चौथे मैच में हराना ज़रूरी था या श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के बीच चल रही सीरीज के नतीजों पर निर्भर रहना।
हालंकि इस टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पहली पारी में 571 रन स्कोर कर टक्कर तो अच्छी देनी चाही लेकिन भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को अपने चौथे मैच में हारने में तो नाकामयाब रही। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंडिया के चौथे और आखरी मैच का नतीजा ड्रा रहा लेकिन न्यूज़ीलैंड ने श्रीलंका को हराकर भारतीय टीम के लिए WTC फाइनल का रास्ता साफ कर दिया है। श्रीलंका इस खेल में चौथे दिन तक आगे था, यहां तक कि गिरते विकेटों ने श्रीलंका की जीत को आसान बना दिया था, लेकिन केन विलियमसन (121) और डेरिल मिचेल (81) के काउंटर अटैकिंग दृष्टिकोण ने मैच को न्यूजीलैंड के पक्ष में कर दिया और टीम ने श्रीलंका के खिलाफ पहला मैच न्यूनतम अंतर से जीत लिया।
वैसे तो न्यूज़ीलैंड टीम हमेशा ऐसे मौकों पर भारतीय टीम के लिए सफर मुश्किल करती है, यहाँ तक कि इस चैंपियनशिप के पहले संस्करण के फाइनल में भी भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड के खिलाफ ही हारी थी लेकिन इस बार न्यूज़ीलैंड ही वह टीम है जिसकी जीत की बदौलत टीम इंडिया की WTC फाइनल में जगह सुनिश्चित हुई है। इसे लेकर क्रिकेट फेन्स ने सोशल मीडिया पर तरह तरह के पोस्ट भी डाले हैं।
गौरतलब है कि आईसीसी के क्रिकेट टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड ने भारत को कई बार बाहर का रास्ता दिखाया है।
1999 वनडे विश्वकप में सुपर सिक्स में किया बाहर
इंग्लैंड में खेले गए 1999 विश्वकप के सुपर सिक्स मैच में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को 5 विकेट से हरा कर उनके विश्वकप के सफर का अंत कर दिया था। विश्वकप 99 में सुपर सिक्स का मैच जीतना भारत के लिए बेहद जरूरी था। यह मैच हार कर भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया था।
इंग्लैंड के नॉटिंघम में खेले गए इस मुकाबले में भारत के प्रमुख तीन बल्लेबाज ( सचिन, सौरव , द्रविड़) कुछ खास न कर सके और जल्द आउट हो गए। कीवी स्विंग गेंदबाजी के सामने भारत जैसे तैसे करके अजय जड़ेजा के 76 रनों की मदद से 251 रन तक पहुचा। यह ऐसी पिच पर एक अच्छा स्कोर माना जा रहा था।
लेकिन भारतीय गेंदबाजो ने निराश किया। बीच बीच में विकटे जरुर गिरते रहे लेकिन कीवी बल्लेबाजों पर कभी भी रन गति का दबाव नहीं आया। दो ओवर रहते न्यूजीलैंड यह मैच जीत गया और भारत विश्वकप 1999 से बाहर हो गया।
दादा पर भारी पड़ा कैर्न्स का शतक
साल 2000 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों को हराकर आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना पायी थी। सामने थी न्यूजीलैंड जिसने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था।
केन्या के जिमखाना कल्ब ग्राउंड में खेले गए मुकाबले में भारत 141 पर बिना विकेट खोए 300 रनों के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था कि अचानक सचिन और द्रविड़ के रन आउट के बाद भारत की पारी पटरी से उतर गई। शतकवीर सौरव गांगुली (117 रन) भी अंतिम ओवर में चलते बने। इसके बावजूद भारत 264 रनों का चुनौती पूर्ण लक्ष्य दे पाया।
गेंदबाजी में भी भारत ने अच्छी शुरुआत की 37 रनों पर दोनों कीवी ओपनर आउट हो चुके थे। यही नहीं न्यूजीलैंड एक वक्त पर 136 रनों पर 5 विकेट खो चुका था। लेकिन इसके बाद क्रिस कैर्न्स और क्रिस हैरिस के बीच शतकीय साझेदारी ने मैच भारत से छीन लिया और न्यूजीलैंड 4 विकेट से फाइनल जीतने में सफल हुआ।
2019 के सेमीफाइनल में केन भारी पड़े कोहली पर
रवींद्र जडेजा की आकर्षक पारी के बावजूद भारत को शीर्ष क्रम की नाकामी के कारण विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 18 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उसका क्रिकेट विश्वकप 2019 में सफर भी समाप्त हो गया था। न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार विश्वकप के फाइनल में पहुंचा था।
बारिश से बाधित इस सेमीफाइनल मैच में भारत के सामने 240 रन का लक्ष्य था लेकिन शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया तथा जडेजा (59 गेंदों पर 74) और महेंद्र सिंह धोनी (72 गेंदों पर 50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रन जोड़कर मैच को आखिर तक जीवंत बनाए रखा।
भारत ने हालांकि दबाव में आखिरी 4 विकेट 13 रन के अंदर गंवा दिए और इस तरह से न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा। भारत 49.3 ओवर में 221 रन पर सिमटा।
WTC Final में दी हार और टी-20 विश्वकप से किया बाहर
केन विलियमसन की कप्तानी में कीवी टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए पहले डब्ल्यूटीसी फाइनल आठ विकेट से जीतकर अपने नाम किया था। फाइनल में न्यूजीलैंड के सामने 55 ओवर के खेल में 139 रनों का लक्ष्य था, जिसे टीम ने केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया था।इसके कुछ महीने बाद ही न्यूजीलैंड ने इस ही साल खेले गए टी-20 विश्वकप में भारत को 8 विकेटों से हराकर सेमीफाइनल की रेस से बाहर कर दिया था।