नई दिल्ली। अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को पहला विश्व कप जिताने वाले धुरंधर ऑलराउंडर कपिलदेव शुक्रवार को अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं और इस अवसर पर दुनियाभर के उनके तमाम प्रशंसकों ने उन्हें बधाइयां दी हैं।
चंडीगढ़ में 6 जनवरी 1959 को जन्मे कपिल ने अपने 16 साल के लंबे करियर में अनेक उपलब्धियां अपने नाम की हैं। उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व में भारत को विश्व कप जिताया था। उन्होंने करियर में 134 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने 8 शतकों समेत 5,248 रन बनाए थे।
कपिल टीम इंडिया के सबसे सफल ऑलराउंडर माने जाते हैं। कपिल चाहे गेंदबाजी कर रहे हों या बल्लेबाजी, दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र होते थे। वे विश्व क्रिकेट के 4 सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर इंग्लैंड के इयान बॉथम, पाकिस्तान के इमरान खान, न्यूजीलैंड के रिचर्ड हैडली के साथ एक ही सूची में शामिल हैं।
अपनी साहसिक कप्तानी के लिए विख्यात कपिल मौका पड़ने पर साहसिक फैसले लेने से नहीं चूकते थे। अपनी इसी साहसिक कप्तानी की बदौलत कपिल ने 1983 में विश्व कप टीम इंडिया को दिलाकर हर किसी को चौंकाया था। इस विश्व कप में कपिल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ विषम परिस्थितियों में नाबाद 175 रनों की पारी भी खेली थी।
कपिल ने 225 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 23.79 की औसत से 3,783 रन और 27.45 की औसत से 253 विकेट झटके हैं। उनके नाम पर कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं। कपिल के रूप में टीम इंडिया को पहला ऐसा तेज गेंदबाज मिला था जिसने विरोधी बल्लेबाजों के मन में खौफ भरना शुरू किया था।
कपिल के भारतीय क्रिकेट में योगदान की सूची बहुत लंबी है। क्रिकेट में उनके योगदान के लिए उन्हें 2002 में 'विजडन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी' के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें 1989-80 में अर्जुन पुरस्कार, 1982 में पद्ममश्री, 1983 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर, 1991 में पद्मविभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा कपिल के योगदान को देखते हुए उन्हें 24 सितंबर 2008 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का दर्जा दिया गया। कपिल को संन्यास लिए भले ही समय हो गया हो लेकिन वे आज भी युवा प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। (वार्ता)