भारत को सबसे पहला वनडे विश्वकप जितवाने वाले कप्तान कपिल देव ने एक कार्यक्रम के दौरान खूब सुर्खियां बटोरी। उनकी बातों पर सुनने वालों ने वैसे ही तालियां बजाई जैसे उनके खेलने पर दर्शक बजाते थे।
दरअसल चैट विथ चैंपियन्स के एक कार्यक्रम में कपिल देव ने कहा कि आजकल यह बहुत सुना जाता है कि प्रैशर, यानि कि दबाव बहुत है। हम जिस जमाने में थे उस वक्त तो जूनून या पैशन ही था।
अब जब मैं किसी खिलाड़ी से सुनता हूं कि दबाव बहुत है तो मैं कहता हूं कि मत खेलो। कपिल देव का इतना कहना था और हॉल में बैठे श्रोताओं ने तालियां बजानी शुरु कर दी। इसके बाद कपिल देव ने कहा कि यह दबाव और अवसाद सब अमेरिका से आे हुए शब्द हैं। हम तो अपने जमाने में यह प्राथना करते थे कि बारिश रुके और हम मैच खेलें।
इसके बाद कपिल देव यह ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ खेल या खिलाड़ी की बात नहीं है। मैंने तो 10वीं और 12वीं के बच्चों से भी यह शब्द सुनता हूं। तब तो मैं अभिभूत हो जाता हूं, क्योंकि उनकी फीस अभिभावक दे रहे हैं और शिक्षक उनको हाथ नहीं लगा सकता फिर कैसा दबाव है। हमारे जमाने में तो पहले थप्पड़ पड़ता था और फिर शिक्षक बात करता था।
कपिल देव के लिए इस हॉल में बैठे श्रोताओं ने भले ही तालियां पीटी हो लेकिन सोशल मीडिया पर इस 2.20 वीडियो के लिए मिश्रित प्रतिक्रियाए आ रही हैं। कुछ को कपिल की बात एक दम सही लग रही है तो कुछ मानते हैं कि कपिल देव अवसाद जैसी गंभीर समस्या को हल्के में ले रहे हैं।