लंदन। केविन पीटरसन के प्रति अविश्वास के कारण बेहतरीन फार्म में चल रहे इस बल्लेबाज को इन गर्मियों में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड की टीम में मौका नहीं मिलेगा लेकिन क्रिकेट निदेशक एंड्रयू स्ट्रास ने कहा कि वह चयन से प्रतिबंधित नहीं है।
स्ट्रास ने गर्मियों के बाद टीम में पीटरसन की वापसी से इनकार नहीं किया लेकिन स्वीकार किया कि उनके रिश्तों में सुधार की जरूरत है।
स्ट्रास ने ‘स्काई’ से कहा, ‘पिछले कुछ महीनों और वर्षों में उसके और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के बीच विश्वास घटा है और हम अब ऐसी स्थिति में हैं जब केविन और मेरे बीच विश्वास बड़ा मुद्दा है। इसके कारण हमने फैसला किया है कि फिलहाल यह टीम के हित में नहीं है कि वह इस टीम में हो।’
उन्होंने कहा, ‘मैं भविष्य में उसे कोई गारंटी नहीं दे सकता लेकिन उसे टीम से प्रतिबंधित नहीं किया गया है। किसी को नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा। सभी को पता है कि विश्वास नहीं है। अगर विश्वास बढ़ाने का कोई तरीका है तो इस पर गौर किया जाएगा लेकिन फिलहाल हमारी राहें अलग हैं।’
ऑस्ट्रेलिया में 2013-14 में एशेज श्रृंखला में वाइटवॉश के बाद पीटरसन को फरवरी 2014 में टीम से बाहर कर दिया गया था। पीटरसन ने लीसेस्टरशायर के खिलाफ सरे की ओर से काउंटी क्रिकेट में अपना पहला तिहरा शतक जड़ने के बाद सोमवार रात स्ट्रास और ईसीबी के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन से मुलाकात की। पीटरसन ने नाबाद 355 रन की पारी खेली जबकि सरे की टीम ने 557 रन बनाए।
पीटरसन ने सोमवार को 326 रन पर नाबाद रहने के बाद कहा था, ‘मैं दोबारा इंग्लैंड की ओर से खेलने के लिए बेताब हूं। मैं जल्द ही दोबारा इंग्लैंड की ओर से खेलना चाहता हूं। मैं सिर्फ रन बनाना चाहता हूं। लोगों के बीच निजी मतभेद का इससे कोई लेना देना नहीं है कि जनता क्या चाहती है। जनता इंग्लैंड क्रिकेट टीम को जीतता हुआ देखना चाहता है।’ (भाषा)