मोहाली: भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने सोमवार को कहा कि वह अपने स्ट्राइक रेट को सुधारने पर काम कर रहे हैं और पिछले 10-12 महीनों में उनको दी गयी भूमिका को बेहतर तरीके से समझ रहे हैं।
राहुल ने यहां मैच से पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ मैं इस (स्ट्राइक रेट) पर काम कर रहा हूं। स्पष्ट रूप से पिछले 10-12 महीनों में प्रत्येक खिलाड़ी के लिए परिभाषित भूमिकाओं के साथ, आप बहुत स्पष्ट रूप से जानते हैं और खिलाड़ी समझता है कि उनसे क्या अपेक्षित है और हर कोई इसके लिए काम कर रहा है। ”
राहुल के स्ट्राइक रेट की आलोचनाओं के बीच विराट कोहली को टी20 विश्व कप से ओपनिंग की जिम्मेदारी दिये जाने की अटकलें लगायी जा रही थीं, हालांकि कप्तान रोहित शर्मा ने राहुल को ओपनिंग के लिये पहली पसंद बताया है।
राहुल ने अपनी बल्लेबाजी पर बात करते हुए कहा, “ यह टी20 क्रिकेट है। जितना अधिक खेल विकसित हो रहा है, आप पहले बल्लेबाजी करें या बाद में, आपको खेल के किसी भी स्तर पर आक्रामक होना होगा। आपको हमेशा चौके-छक्के लगाने की मानसिकता में रहना होगा। जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं तो मेरे साथ भी ऐसा ही होता है। जब आप पहले बल्लेबाजी कर रहे होते हैं, तो आप खुद को यह समझने के लिए तीन या चार गेंदें देना चाहते हैं कि पिच कैसा व्यवहार कर रही है, उसके बाद गेंदबाजों को दबाव में डालने की कोशिश होती है। ”
उन्होंने कहा, “ यही सब चीजें आपके दिमाग में चलती हैं। आप क्रीज पर अपने साथी से बात करते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। आप पिच के बारे में, अपने शॉट्स के बारे में और उन क्षेत्रों के बारे में बात करते हैं जिन्हें निशाना बनाया जा सकता है। यह कुछ चीजें हैं जिनपर आप एक दूसरे से चर्चा करते हैं और एक योजना तैयार करते हैं। ”
भारत के पास अब विश्व कप की तैयारी के लिए ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 शृंखलायें है, और राहुल को उम्मीद है कि मौजूदा माहौल खिलाड़ियों को गलती करने या विफल होने से न डरने की अनुमति देता है।
राहुल ने कहा, “ उस ड्रेसिंग रूम में एक खिलाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसका कप्तान, कोच और उसके (साथी) खिलाड़ी उसके बारे में क्या सोचते हैं। केवल हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति से किस भूमिका की अपेक्षा की जाती है और हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहा है। एक खिलाड़ी हर बार सफल नहीं होगा। हमने ऐसा माहौल बनाया है जहां खिलाड़ी गलती करने या असफल होने से नहीं डरते। ”
उन्होंने कहा, “ आलोचना हर बार होती है। हम आप में से किसी से भी ज्यादा खुद की आलोचना करते हैं। हम जीतने का सपना देखते हैं; हम देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, हम विश्व कप जीतना चाहते हैं जो हमारे दिमाग में है। जब हम अच्छा नहीं करते हैं, तो यह हमें सबसे ज्यादा दर्द देता है। हमारे पास एक ऐसा सपोर्ट स्टाफ और कप्तान है जो न केवल अच्छे समय की सराहना करते हैं बल्कि कठिन समय में भी अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी का समर्थन करते हैं। ”
केएल राहुल का एशिया कप में था बुरा प्रदर्शन
भारत के लिए शीर्ष तीन बल्लेबाजी क्रम में लोकेश राहुल के पावर प्ले में विकेट बचाने की योजना टीम की मुश्किलें बढ़ा रही है।इसमें कोई शक नहीं की राहुल के पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन वह एशिया कप में अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार बल्लेबाजी करने में विफल रहे।
केएल राहुल ने अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र अर्धशतक जड़ा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कुल 5 मैचों में केएल राहुल ने सिर्फ 132 रन बनाए।हर मैच में या तो वह सस्ते में आउट हो गए या फिर शुरुआत को भुना नहीं पाए।हॉंगकॉंग जैसी टीम के खिलाफ भी उन्होंने 36 रन बनाए जिसमें 2 छक्के शामिल थे। इस पारी को खेलने के लिए भी केएल राहुल ने खासा समय लिया था।