कोलकाता। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने यहां कहा कि पिच से गेंदबाजों को मिल रही मदद के सामने भारतीय बल्लेबाजों की परेशानी को देखकर वे अतिउत्साहित हो गए, इसलिए टीम ने तीसरे दिन ज्यादा रन लुटा दिए। श्रीलंकाई टीम ने पहले टेस्ट के चौथे दिन पहली पारी में 122 रन की बढ़त ले ली जिसका मुख्य श्रेय भारतीय गेंदबाजी खासकर उमेश यादव की ढीली गेंदबाजी को जाता है।
भुवनेश्वर ने गेंदबाजों की गलती मानते हुए कहा कि श्रीलंकाई गेंदबाजों के प्रदर्शन को देखकर हम इस विकेट पर गेंदबाजी करने को लेकर काफी उत्सुक थे, लेकिन विकेट पूरी तरह से बदल गया। हां, हम कुछ रन जरूर रोक सकते थे। हमें थोड़ा अधिक धैर्यवान होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि हमें श्रीलंका की बढ़त को 60-70 रन के अंदर रोकना चाहिए था। मौसम में ज्यादा नमी ने हमें थका दिया और हमने कुछ खराब गेंदे फेंकी। हम इस में सुधार कर सकते थे। एकदिवसीय मैचों से टेस्ट मैच में आने पर हो रही परेशानी के बारे में पूछे जाने पर भुवनेश्वर ने कहा कि उमेश और शमी रणजी मैच खेलकर यहां आए है।
मुझे नहीं लगता कि हमें कोई परेशानी थी क्योंकि हमें सिर्फ गेंद की लंबाई और दिशा सही करनी थी। मैंने लय हासिल कर ली है और कोशिश करूंगा कि आने वाले मैचों में यह कायम रहे। भुवनेश्वर 88 रन पर चार विकेट लेकर भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे लेकिन कल मांसपेशियों में खिंचाव से जूझने वाले शमी ने वापसी करते हुए 100 रन देकर चार विकेट लिए।
उन्होंने कहा कि शमी कल दुर्भाग्यशाली रहे और चोटिल हो गए। उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की, यह देखना शानदार था। पहली परी के आधार पर 122 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (94) और लोकेश राहुल (नाबाद 73) की 166 रन की साझेदारी के दम पर चौथी दिन का खेल खत्म होने तक 49 रन की बढ़त बना ली है।
भुवनेश्वर ने कहा कि हम ये नहीं कहेंगे कि अपने प्रदर्शन से हम पूरी तरह संतुष्ट है लेकिन जिस तरह विकेट पहले से अच्छी हुई उससे हम खुश है। हमारी बल्लेबाजी उसका सबूत है। धवन की पारी पर उन्होंने कहा कि पहली पारी में वे दुर्भाग्यशाली रहे और जल्दी आउट हो गए। वह मुश्किल विकेट था। दूसरी पारी में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की और हम अच्छी स्थिति में हैं। (भाषा)