भारतीय क्रिकेट के लंबे इतिहास में कई कप्तान हुए हैं लेकिन जो कामयाबी महेंद्र सिंह धोनी के हिस्से में आई वैसी सफलता किसी को नहीं मिली। धोनी दुनिया ऐसे पहले कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के 3 फॉर्मेटों में भारत को चैंपियन बनाया है। टी-20, आईसीसी विश्व कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी कप धोनी ने अपने हाथों में उठाया है। धोनी की कप्तानी के 5 गुण इस प्रकार हैं...
1. कभी उत्तेजित नहीं होते : धोनी भारत के सबसे 'कूल' कप्तान माने जाते हैं। वे मैदान पर कभी उत्तेजित नहीं होते। यदि किसी गेंदबाज की पिटाई भी हो रही हो तो वे उसे कभी हतोत्साहित नहीं करते अलबत्ता विकेट के पीछे से उसका उत्साह बढ़ाते रहते हैं।
2. साथियों के साथ दोस्ताना व्यवहार : धोनी की कप्तानी में ड्रेसिंग रूम का माहौल हमेशा खुशनुमा बना रहा। कभी भी ड्रेसिंग रूम की बातें या रणनीति बाहर छनकर नहीं आईं। उनका साथी खिलाड़ियों से व्यवहार दोस्ताना रहा। यहां तक कि 4 जनवरी 2017 को वनडे क्रिकेट की और टी-20 की कप्तानी से छोड़ने के बाद भी मैदान पर विराट कोहली को फील्ड सजाने में वे मदद करते रहे हैं। एक तरह से वे मैदान पर अघोषित कप्तान की भूमिका में नजर आते हैं।
3. कामयाबी को सिर पर हावी नहीं होने देते : धोनी ने विश्व क्रिकेट में भारत को 3 बड़ी सफलताएं दिलाने के अलावा आईपीएल में 3 बार चेन्नई सुपरकिंग्स को विजेता बनाया है। इन कामयाबियों को धोनी ने खुद पर कभी हावी होने नहीं दिया। उनकी इसी विनम्रता ने सबका दिल जीता है और वे करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।
4. बेहतरीन फिनिशर : धोनी को टीम इंडिया का बेहतरीन फिनिशर माना जाता है। 348 वनडे मैचों में धोनी ने 10,723, 98 टी-20 मैचों में 1,617 और 190 आईपीएल मैचों में 4,432 रन बनाए हैं। विश्व कप क्रिकेट 2019 में भी वे अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं और भारत यदि 6ठी बार सेमीफाइनल में पहुंचा है तो इसमें धोनी ने बड़ी भूमिका निभाई है।
5. विवादों से दूर रहना : इतने लंबे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में धोनी कभी भी विवादों में नहीं रहे। कैसी भी परिस्थिति हो, उनके चेहरे पर शालीन मुस्कान ही नजर आती रही। धोनी की खासियत यही रही कि उन्होंने कभी भी विवादास्पद बयान नहीं दिया।