कहा कि सीमित ओवर क्रिकेट में फार्म के आधार पर खिलाड़ियों को टेस्ट मैच के लिए चुनना शर्मनाक है।
भारत ने पहले दो टेस्ट में अजिंक्य रहाणे को बाहर रखा, जबकि भुवनेश्वर कुमार को दूसरे टेस्ट से बाहर कर दिया और उनकी जगह ईशांत शर्मा को टीम में शामिल किया।
केपटाउन में शुरुआती दिन भुवनेश्वर ने शुरू में तीन विकेट झटके थे, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 12 रन के अंदर तीन विकेट गंवा दिए थे, लेकिन भारतीय टीम इस मैच में 208 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और हार गई। प्रभाकर ने आज ईडन गार्डन्स पर कहा, यह शर्मनाक है। टेस्ट मैचों में नई गेंद से खेलना एक विशेषज्ञ का काम है।
उन्होंने कहा, हमारे पास ॠषभ पंत है, क्या आप उन्हें टेस्ट में खिलाओगे? वे 25-30 गेंद में शतक बना सकते हैं। प्रभाकर दिल्ली के गेंदबाजी कोच हैं और यहां सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट के लिए आए हुए हैं।
उन्होंने कहा, टेस्ट में आपको अलग तकनीक की जरूरत होती है, लेकिन वनडे में कोई बल्लेबाज दोहरा शतक बनाता है तो उसका स्थान स्थिर हो जाता है। रहाणे को खिलाना चाहिए था। हमारी यही समस्या है। (भाषा)