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टीम इंडिया का गढ़ है मोहाली

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मोहाली , गुरुवार, 24 नवंबर 2016 (15:01 IST)
मोहाली। विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम इंडिया के लिए मोहाली उसका गढ़ रहा है, जहां वह पिछले 22 वर्षों से अपराजित है। भारत और इंग्लैंड के बीच इस मैदान पर 26 नवंबर से 5 मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट खेला जाना है।
 
भारत सीरीज में विशाखापट्टनम में खेला गया दूसरा टेस्ट 246 रनों के विशाल अंतर से जीतकर 1-0 की बढ़त बना चुका है और अब मोहाली के अपने गढ़ में उसका लक्ष्य इस बढ़त को दोगुना करना होगा। भारत ने इस मैदान पर अपने पिछले 3 टेस्टों में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी दिग्गज टीमों को हराया और अब उसके निशाने पर इंग्लैंड की टीम होगी।
 
मोहाली में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत दिसंबर 1994 में हुई थी और तब वेस्टइंडीज ने भारत को 243 रनों से हराया था, लेकिन उसके बाद से इस मैदान पर खेले गए 11 टेस्टों में भारत ने 1 भी मैच नहीं गंवाया है। इन 11 टेस्टों में भारत ने 6 टेस्ट जीते हैं और 5 टेस्ट ड्रॉ खेले हैं। 
 
भारत और इंग्लैंड का मोहाली में 3 बार मुकाबला हुआ है जिनमें भारत 2 बार जीता है और 1 टेस्ट ड्रॉ रहा है। भारत ने दिसंबर 2001 में इंग्लैंड को 10 विकेट से पराजित किया था। भारत ने फिर मार्च 2006 में इंग्लैंड को 9 विकेट से हराया जबकि दिसंबर 2008 में दोनों टीमों के बीच मैच ड्रॉ छूटा।
 
भारत इसके अलावा मोहाली में ऑस्ट्रेलिया को अक्टूबर 2008 में 320 रनों से, अक्टूबर 2010 में 1 विकेट से और मार्च 2013 में 6 विकेट से हरा चुका है। भारत इस मैदान पर नवंबर 2015 में खेले गए टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका को 108 रन से शिकस्त दे चुका है। भारत के इस मैदान पर शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए इंग्लैंड को सीरीज में वापसी की अपनी उम्मीदों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा।
 
मोहाली के मैदान पर भारत का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 516 रन रहा है, जो उसने मार्च 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ बनाया है। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैदान पर भारत का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 469 रन रहा है, जो उसने दिसंबर 2001 में बनाया था। इस मैदान पर 2 सर्वश्रेष्ठ निजी स्कोर शिखर धवन (187) और गौतम गंभीर (179) के नाम हैं लेकिन बाएं हाथ के दोनों ओपनर मौजूदा टीम से बाहर हैं।
 
मौजूदा भारतीय खिलाड़ियों में ओपनर मुरली विजय मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 153 के स्कोर के साथ सर्वाधिक स्कोर बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 5वें स्थान पर हैं। चेतेश्वर पुजारा ने पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इसी मैदान पर 77 रनों की पारी खेली थी।
 
भारतीय कप्तान विराट कोहली यहां नाबाद 67 रन बना चुके हैं। भारतीय बल्लेबाजों में विजय ने मोहाली में 2 मैचों में कुल 301 रन, पुजारा ने 137 रन और विराट ने 131 रन बनाए हैं। विराट के पास मोहाली में इस कैलेंडर वर्ष में 1000 रन पूरे करने के साथ-साथ करियर में 4,000 रन पूरे करने का भी मौका भी रहेगा।
 
मोहाली की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों के अनुकूल मानी जाती है, लेकिन यहां मौजूदा टीम के 2 स्पिनरों रवीन्द्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लेफ्ट आर्म स्पिनर जडेजा ने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 5 विकेट लिए थे जबकि ऑफ स्पिनर अश्विन ने पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 3 विकेट लिए थे।
 
लेग स्पिनर अमित मिश्रा भी पीछे नहीं रहे थे और उन्होंने भी उस मैच में पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 1 विकेट लिया था। मिश्रा हालांकि विशाखाट्टनम टेस्ट में अंतिम एकादश से बाहर रहे थे लेकिन यदि मोहाली की पिच की हालत गत वर्ष जैसी रहती है तो उन्हें वापस बुलाया जा सकता है। मिश्रा 16 सदस्यीय भारतीय टीम में शामिल हैं।
 
मोहाली के मैदान पर जडेजा ने 2 टेस्टों में 14 विकेट, अश्विन ने 12 विकेट और मिश्रा ने 12 विकेट हासिल किए हैं। इस मैदान पर सर्वाधिक 36 विकेट लेने का रिकॉर्ड लेग स्पिनर अनिल कुंबले के नाम है, जो मौजूदा भारतीय कोच हैं। 
 
ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह मोहाली में 24 विकेट हासिल कर चुके हैं। मोहाली में स्पिनरों के दबदबे को देखते हुए लगता है कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को एक बार फिर स्पिन जाल से जूझना पड़ेगा। (वार्ता)

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