दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल को भारतीय क्रिकेट टीम का नया गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने बुधवार को PTI (भाषा) को इसकी पुष्टि की।
इसके साथ ही नए मुख्य कोच गौतम गंभीर के पसंदीदा सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पूरी हो गई।
समझा जाता है कि पारस म्हाम्ब्रे की जगह लेने वाले 39 साल के मोर्कल बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला के साथ टीम से जुड़ेंगे। बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट 19 सितंबर से चेन्नई में खेला जाएगा। उन्हें दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 2027 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के अंत तक नियुक्त किया गया है।
शाह ने PTIको बताया, हां, मोर्ने मोर्कल को सीनियर भारतीय पुरुष टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है।गंभीर के सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्य सहायक कोच अभिषेक नायर और क्षेत्ररक्षण कोच रेयान टेन डोएशे हैं।
मोर्कल नए मुख्य कोच गंभीर की पहली पसंद थे। दोनों ने आईपीएल टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स में साथ काम किया है।मोर्कल ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 86 टेस्ट, 117 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 44 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं जिसमें उन्होंने कुल 544 अंतरराष्ट्रीय विकेट चटकाए।
यह पूर्व तेज गेंदबाज अगले महीने की शुरुआत में बेंगलुरू की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में रिपोर्ट करेगा और उनके कुछ दलीप ट्रॉफी मैच देखने की उम्मीद है। वहां पहुंचने पर वह वीवीएस लक्ष्मण और एनसीए के गेंदबाजी प्रमुख ट्रॉय कूली से संपर्क में भी रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार मोर्कल को लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार जैसे विकल्पों पर तरजीह देकर गंभीर की सिफारिश पर सीधे नियुक्त किया गया है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, क्रिकेट सलाहकार समिति (CSS) का काम मुख्य कोच के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेना था। जब सहायक स्टाफ के चयन की बात आई तो गंभीर की पसंद को प्राथमिकता देना जरूरी था। उन्होंने मोर्ने के साथ काम किया है और उन्हें गेंदबाजी कोच के तौर पर काफी पसंद करते हैं।
उन्होंने कहा, इसके अलावा नवंबर के आखिरी हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ी श्रृंखला होने वाली है, ऐसे में इस दक्षिण अफ़्रीकी से बेहतर कोई विकल्प नहीं है जिन्होंने वहां काफी सफलता हासिल की है। इसके अलावा अगले साल इंग्लैंड का पांच टेस्ट मैचों का दौरा भी होगा जहां भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने पर छठा मैच होगा।
समझा जाता है कि जब यह स्पष्ट हो गया कि म्हाम्ब्रे की भूमिका को मोर्कल आगे बढ़ाएंगे तो बालाजी और विनय कुमार के नाम पर चर्चा नहीं की गई।
डेल स्टेन के साथ मिलकर घातक तेज गेंदबाजी जोड़ी बनाने वाले मोर्कल ने भारत में भी काफी क्रिकेट खेला है और उन्हें यहां की परिस्थितियों की अच्छी जानकारी है।
साथ ही आईपीएल टीमों का हिस्सा होने से उन्हें भारत की अगली तेज गेंदबाजी पीढ़ी के बारे में भी अच्छी जानकारी है जिसमें मयंक यादव, आवेश खान और यश ठाकुर जैसे गेंदबाज शामिल हैं।
लोगों का मानना है कि मोर्कल ने आईपीएल में पिछले दो सत्र में मयंक के साथ काफी काम किया है, हालांकि यह तेज गेंदबाज अधिकांश समय चोटिल ही रहा।
मोर्कल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बदलाव के दौर से निपटना होगी क्योंकि मोहम्मद शमी अपने शानदार करियर के अंतिम चरण में प्रवेश कर रहे हैं और जसप्रीत बुमराह को मोहम्मद सिराज के अलावा एक और अच्छे साथी की जरूरत है, विशेषकर लाल गेंद के क्रिकेट में।
मोर्कल ने पिछले साल एकदिवसीय विश्व कप के अंत तक पाकिस्तान टीम के साथ काम किया था लेकिन अपना अनुबंध समाप्त होने से पहले ही पद छोड़ दिया था।भारतीय टीम के साथ कभी स्पिन गेंदबाजी कोच नहीं रहा है। हालांकि पूर्व निदेशक रवि शास्त्री जब खेलते थे तो बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करते थे। साथ ही एनसीए में लक्ष्मण की टीम का हिस्सा साईराज बहुतुले समय-समय पर सीनियर टीम के साथ यात्रा करते रहे हैं।