रांची। जुलाई में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से टीम ही क्रिकेट मैदान से दूर पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी टेनिस के कोर्ट पर नजर आए। उनके हाथ में बल्ले के बजाय टेनिस का रैकेट था और उन्होंने भारतीय सेना के बलिदान बैज को सीने पर लगाकर टेनिस टूर्नामेंट का मैच सीधे सेटों में जीता।
धोनी बलिदान बैज की टीशर्ट पहनकर टेनिस टूर्नामेंट में युगल मैच में उतरे और अपने पार्टनर के साथ पहले ही मैच में विरोधी युगल को 6-0, 6-0 से हरा दिया। यह टूर्नामेंट रांची के JSCA में चल रहा है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी जैसे ही टेनिस कोर्ट पर पहुंचे, वहां मौजूद दर्शक उनके हाथों में रैकेट देखकर दंग रह गए। क्रिकेट मैचों में अपने दस्तानों पर बलिदान बैज लगाने वाले धोनी ने काले रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमें सफेद रंग का बलिदान बैज लगा हुआ था।
इंग्लैंड में आयोजित हुए वर्ल्ड कप में धोनी के दस्ताने काफी विवाद में रहे थे। आईसीसी के दखल के कारण धोनी को पहले मैच के बाद विकेटकीपिंग के दस्तानों पर से भारतीय सेना के बलिदान वाले बैज को मजबूरन हटाना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि बलिदान निशान भारतीय सेना के पैरा स्पेशल फोर्स का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। हर कोई व्यक्ति इस निशान इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
धोनी को भारतीय सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि से नवाजा गया है। यही नहीं, उन्होंने सेना के बलिदान बेज को हासिल भी है क्योंकि यह निशान पैरा कमांडो लगाते हैं।
किसी भी भारतीय को इसे पहनने की योग्यता हासिल करने के लिए कमांडो को पैराशूट रेजीमेंट के हवाई जंप के नियमों पर खरा उतरना होता है। धोनी ने अगस्त 2015 में आगरा में 5 बार छलांग लगाकर बलिदान बैज को पहनने की योग्यता हासिल की थी। (Photo courtesy: Twitter)