वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के लिए इंग्लैंड के खिलाफ 1955 टेस्ट का वो दिन अब भी काले दिनों में शामिल है जब पूरी टीम महज 26 रन पर आउट हो गई थी और यह शर्मनाक रिकॉर्ड आज तक उसके नाम दर्ज है। न्यूजीलैंड के प्रशसंकों को 65 साल बाद भी यह रिकॉर्ड अब भी उतना ही दर्द देता है। न्यूजीलैंड क्रिकेट समर्थकों के ग्रुप ‘द बेज ब्रिगेड’ के सह संस्थापक पॉल फोर्ड ने एएफपी से कहा, ‘सच कहूं तो न्यूजीलैंड प्रशसंक के रूप में हमें बहुत खुशी होगी, अगर कोई इस रिकॉर्ड को हमारी टीम के नाम से हटा देगा।’
उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है। अगर कोई आकर टेस्ट में 25 रन पर या इससे कम स्कोर पर आउट हो जाए तो यह शानदार होगा।’ टेस्ट क्रिकेट हालांकि 1955 में वर्तमान की तुलना में काफी अलग था। भारत ने अपनी पहली टेस्ट जीत इससे तीन साल पहले ही दर्ज की थी। पाकिस्तान ने इससे दो साल पहले ही पांच दिवसीय खेल में पदार्पण किया था और श्रीलंका ने इसके 27 साल बाद टेस्ट दर्जा हासिल किया था।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड उस दौरान मजबूत टीम थे। इंग्लैंड की टीम दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए न्यूजीलैंड पहुंची थी और ऑस्ट्रेलिया में पहली एशेज श्रृंखला जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई थी। न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम एक साल से ज्यादा समय से क्रिकेट नहीं खेली थी और चयन संबंधित समस्याओं के कारण इतनी मजबूत नहीं थी।
इंग्लैंड ने डुनेडिन में पहले टेस्ट में आठ विकेट से जीत हासिल की। फिर आकलैंड में दूसरे मैच में न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 200 रन बनाए जबकि इंग्लैंड की टीम ने 246 रन बनाकर बढ़त हासिल की थी। दूसरी पारी में न्यूजीलैंड के पांच खिलाड़ी शून्य पर आउट हो गए जबकि केवल एक बल्लेबाज बर्ट सुटक्लिफे ही दोहरे अंक तक पहुंच सके और पूरी टीम 26 रन पर सिमट गई। न्यूजीलैंड में खेल प्रशंसक काफी गुस्से में थे, हालांकि कप्तान ज्योफ राबोने अपनी टीम का बचाव करते रहे। (भाषा)