हरारे। भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने जिम्बाब्वे का सीमित ओवरों की श्रृंखला का दौरा युवा खिलाड़ियों के लिए अच्छा अनुभव बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को वन-डे की बजाय टी-20 से अधिक सीख मिली।
भारत ने वन-डे श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप करने के बाद टी-20 श्रृंखला 2-1 से जीती। भारत को हालांकि तीसरे और आखिरी टी-20 में जूझना पड़ा और आखिरी गेंद पड़ने के बाद ही उसकी जीत सुनिश्चित हो पाई।
धोनी ने मैच के बाद कहा कि वन-डे और टी-20 श्रृंखला युवा खिलाड़ियों के लिए अच्छा अनुभव रही। निजी तौर पर मेरी राय है कि हमने वन-डे की तुलना में टी-20 से अधिक सीख ली। जिम्बाब्वे ने पहले टी20 मैच में भारत को हरा दिया था। इसके बाद भारतीय टीम ने अगले दोनों मैच जीते। तीसरा मैच हालांकि काफी रोमांचक रहा और मेहमान टीम ने उसे आखिरी गेंद तक खींच दिया था।
धोनी ने कहा कि अमूमन इस प्रारूप में मैच काफी करीबी होते हैं। जिम्बाब्वे ने अच्छा प्रदर्शन किया। उसने अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की। उन्हें बेहतर बनने के लिए अधिक मैच खेलने होंगे। कप्तान को भी श्रृंखला के दौरान बल्लेबाजी का अधिक मौका नहीं मिला।
धोनी ने कहा कि हमने जो सही था वैसी क्रिकेट खेली। धोनी ने कहा कि इस श्रृंखला से टीम को 10 . 12 गेंदबाजों का पूल तैयार करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजी विभाग में हमें खिलाड़ियों के अच्छे पूल की जरूरत है। अब हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि हमारे पास 10-12 ऐसे खिलाड़ी हैं जो देश के लिए खेल सकते हैं।
जिम्बाब्वे को आखिरी ओवर में 21 रन चाहिए थे और वह लक्ष्य के करीब भी पहुंच गया था लेकिन मैन ऑफ द सीरीज बरिंदर सरन ने आखिरी गेंद पर विकेट लेकर भारत को मैच जिता दिया। सरन ने कहा कि आखिरी ओवर में 21 रन काफी होते हैं। मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत दर्ज करेंगे।
मैंने अलग रणनीति से शुरुआत की लेकिन बाद में उसमें बदलाव किया। जिम्बाब्वे के कप्तान ग्रीम क्रेमर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वन-डे में सभी मैच गंवाने के बाद खिलाड़ियों ने वापसी की। उन्होंने कहा कि निराशाजनक है कि हम आज हार गए, लेकिन लड़कों ने टी-20 श्रृंखला में जिस तरह से जज्बा दिखाया उससे खुश हूं। वन-डे श्रृंखला कड़ी रही और ऐसे में टी-20 श्रृंखला में वापसी करना महत्वपूर्ण था। कुछ मैच खेलने का मौका मिलना अच्छा रहा। यदि हम खेलना जारी रखते हैं तो हमारी टीम बेहतर होती जाएगी। (भाषा)