कराची। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को अपने खिलाड़ियों के मैच जीतने के बाद मैदान पर पुश-अप करके जश्न मनाने का तरीका रास नहीं आ रहा है और बोर्ड ने उन्हें हिदायत दी है कि ऐसा करने के बजाय वे मैदान पर नवाफिल (नमाज) पढ़ें।
पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक ने सबसे पहले यह तरीका अपनाया था और मैच जीतने के बाद जश्न मनाने के लिए उन्होंने मैदान पर ही पुश-अप करना शुरू कर दिया। उनकी तरह टीम के बाकी खिलाड़ियों ने भी ऐसा ही किया। लेकिन पीसीबी खिलाड़ियों के इस तरह जश्न के तरीके से नाराज है और उसने टीम को ऐसा नहीं करने की हिदायत दे डाली है।
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की खबर के अनुसार बोर्ड ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि आखिर खिलाड़ी किसे और क्या संदेश देना चाहते हैं? जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में कप्तान मिस्बाह ने अपने शतक पूरा करने के बाद मैदान पर पुश-अप किए थे। रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को पीसीबी की कार्यकारी समिति की बैठक में खासतौर पर इस मुद्दे को उठाया गया।
बोर्ड अध्यक्ष नजम सेठी ने नेशनल असेंबली कमेटी को खिलाड़ियों को जश्न के लिए पुश-अप नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इंटर-प्रॉविंशियल को-ऑर्डिनेशन कमेटी में कुछ सांसदों ने इस मुद्दे को उठाया था जिसके बाद पीसीबी ने यह निर्णय लिया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की पार्टी के सांसद राणा मुहम्मद अफजल ने कहा कि आखिर टीम ऐसा करके क्या संदेश देना चाहती है?
एक अन्य सांसद चौधरी नजीर अहमद ने तो खिलाड़ियों को जीत के बाद पुश-अप के बजाय मैदान पर विशेष नमाज पढ़ने तक की सलाह देते कहा कि खिलाड़ियों के लिए यह बेहतर होगा कि वे जीतने के बाद पुश-अप के बजाय नवाफिल पढ़ें।
इस बीच पीसीबी अध्यक्ष सेठी ने कहा कि 40 वर्षीय मिस्बाह ने अपनी फिटनेस जाहिर करने के लिए ऐसा किया। इससे पहले पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज यूनुस खान ने मैदान पर मैच जीतने के बाद सैनिकों की तरह 'सैल्यूट' किया था। हालांकि सेठी ने सांसदों को भरोसा जताया है कि भविष्य में टीम इस तरह की हरकत नहीं करेगी। (वार्ता)